विश्व आदिवासी दिवस समारोह का किया गया आयोजन।

झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर

“देखो देखो कौन आया आदिवासी शेर आया” “जय जोहार का नारा है” भारत देश हमारा है” के गगनभेदी नारों के साथ हजारों जयश कार्यकर्ता रैली में हुए शामिल। जहा आज विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा हे उसी को देखते हुए पेटलावद तहसील के झकनावदा में स्थित खेल मैदान पानी की टंकी के पास हजारों की संख्या में जयश कार्यकर्ता एक जैसी वेशभूषा सफेद धोती, पीला टीशर्ट, पीला गमछा गले में लिए हुए हाथों में फालिया, तीर कमान लेकर रैली में शामिल हुए। जयश सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सर्वप्रथम विश्वरत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर, क्रांतिकारी वीर राणा पूंजा भील, टंट्या मामा, एवं बिरसा मुंडा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर मंच साझा किया। तत्पश्चात वाहन रैली झकनावदा नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए आसपास के 12 क्षेत्र के लोग इस महा रेली में शामिल हुए ओर पूरे गाव मे डीजे के साथ झकनावदा गांव में भ्रमण किया।
जयश सामाजिक कार्यकर्ता रोशन सिंह सिंगार ने अपने संबोधन में कहां की 23 दिसंबर 1994 से विश्व के सभी देशों ने मिलकर विश्व राष्ट्र सभा का गठन किया। जिसमें सभी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया की हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाएगा। तब से हम लोग हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस बड़े धूमधाम से मनाते आ रहे हैं। आगे उन्होंने कहा की आदिवासी समाज में व्याप्त उनकी संस्कृति, रीति रिवाज, शिक्षा, स्वास्थ्य, रहन सहन का संरक्षण करना हम सभी आदिवासियों का कर्तव्य है। एक अन्य कार्यकर्ता मनीष कतीजा ने कहा कि हम आदिवासियों को लेकर बहुत चिंतित हैं। जर जमीन और जंगल की रक्षा करना। एवं आदिवासियों में व्याप्त रूढ़िवादिता को समाप्त करना। गरीब तबके के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना हम सभी आदिवासियों का परम कर्तव्य है।

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