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इस निर्देश के त्री स्तरीय पंचायत चुनाव में उड़ी दज्जिया

झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर

झाबुआ जिले की त्री स्तरीय पंचायत चुनाव के समय नगरीय निकाय चुनाव में इस आदेश की उड़ाई गई दज्जिया उसके बावजूद भी झाबुआ जिले मे प्रकाशित हुई खबरो ओर पेपर के दौरान भी प्रशासन किसी भी प्रकार से कार्यवाही करने पर नाकाम रहा। क्या झाबुआ जिले का प्रशासन इतना भ्रष्टाचार मे लिप्त है की किसी प्रकार से सकती से कार्यवाही नहीं कर सकता है। या यु कहे की अच्छी खासी राजनेताओं के द्वारा कीमत वसूलने के बाद अपनी जुबान बर ताले लगा लिए ओर हाथ बांद कर तमासा देखता रहा। ओर अभी भी यही हाल है।
कहने को तो वाह वाह की जा रही है। अभी 15 अगस्त पर राज्य शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार जी का दौरा रहा और आज भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भी आये उन्होंने भी इन अधिकारियों के कार्यो की प्रशंसा की। तो क्या दिखावा कर हि वाही वाही लूटी जा रही है। सभी आँख बंद कर बेटे है अधिकारी भी। किसी प्रकार की जांच नहीं की गई।

जिला अधिकारी कलेक्टर सोमेश मिश्रा का यह रहा बयान त्री स्तरीय चुनाव के दौरान उस समय
हमने जो आरओ बनाये गये है वह जो भी निर्णय लेंगे वही सर्वमान्य होगा। मगर आरओ सही निर्णय नहीं ले पा रहे हे तो क्या आपका कोई फर्ज नही बनता की आप उन्हे निर्देशित कर सके।

आरओ रिटर्नर अधिकारी जगदीश वर्मा का यह था कहना की

इस पर पीठासीन अधिकारी को नोटिश दिया गया हैं। लेकिन अभी तक उस नोटिश का क्या हुआ ओर जो निर्वाचन मे मतपत्र को अपने हाथों से गिनती कर रहे थे ओर सरकारी कर्मचारी अपने सेल्स फोन पर अंदर हि बैठ कर बाते करते नजर आ रहे थे। सभी सबूत होने के बाद भी कुछ नही हुआ।

इससे तो यही प्रतीत होता हैं की झाबुआ जिले का प्रशासन भरष्टाचार से लिप्त है।

जिला परिवेश्यक से बात करने पर कहा गया की अगर इस तरह की हरकत की गई हे तो सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

जिला निर्वाचन परिवेश्यक राठौर से झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ द्वारा बात करने पर कहा गया की आप इस चुनाव मे निर्धारित अधिकारी से जो भी जानकारी चाहते हो वह आपको जरूर देगा। क्योकि यह उसका कार्य है! ओर जब हमारे द्वारा जानकारी मांगी गयी या निर्वाचन आयोग के द्वारा जो सूची जारी की गई थी पिठासिन अधिकारी के द्वारा दी जाति है उसकी कॉफी रिटर्नर ऑफिसर को भी दी जाति है। मगर मांगने पर जिले से दी जाएगी ओर जिले वालों ने रिटर्नर पर बता कर इधर उधर गुमने के सिवा कोई कार्य नही किया ओर पुरा मामला गोलमाल कर दिया गया।

इससे यह स्पस्ट होता है। की झाबुआ जिले का प्रशासन पुरी तरह से भरष्टाचार की गोद मे समाया हुआ हैं। सिर्फ ओर सिर्फ वाह वाहि लुटने का हि कार्य करता है। ओर अपनी इतीसी पुरी करता है।
जिस तरह से झाबुआ जिले के कलेक्टर मिश्रा कहते हैं की जनसुनवाई मे आये आवेदन पत्र की 15 दिन के अंदर समस्याओ का समाधान करे तो उन समस्या का समाधान अभी तक क्यो नही हुआ।

जिस तरह से चिट फंड कंपनियों के एजेंटो पर कार्यवाही क्यो नहीं की गई?

त्री पंचायत चुनाव में हुए भरष्टाचार पर क्यो कार्यवाही नहीं हुई?

पंचायतो के द्वारा किये गये भरष्टाचारों पर कार्यवाही क्यो नही हुई?

स्कूल की भूमि पर पंचायत की दुकाने बना दी गई ओर स्कूल विभाग कार्यवाही की मांग करता रह गया उन्हे क्यो न्याह नहीं मिला?

ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यो को लेकर करोड़ो रुपये का चुना लगा दिया गया? उस पर भी कार्यवाही क्यो नहीं हुई?

अभी भी आयुष्मान कार्ड कई पंचायतो मे बकी पड़े है वहा के सचिवो पर कार्यवाही क्यो नहीं की गई

आज भी ग्रामीण क्षेत्र के गरीब लोगो को आवस योजना का लाभ नहीं मिला

जो पात्र नहीं उनके मकान मंजूर हो गये ओर जो पात्र है आज भी दर दर भटक रहा हैं।
क्यो इन सभी बातो पर कार्यवाही नहीं होई

इतने क्यो का जवाब क्यो नहीं दिया जा रहा है। इन बातो पर ध्यान क्यो नही ??

ऐसे कही क्यो झाबुआ जिले मे आज भी हर घर से उठ रहे हैं। क्यो इस क्यो का जवाब नही है।

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