तिन नव निर्वाचित महिला जनपद पंचायत उपाध्यक्ष सरपंच ओर उपसरपंच होते पति ने किया झंडा वंदन

झाबुआ जिला ब्यूरो ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर

पेटलावद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सबसे बड़ी पंचायत जहा पर आज दिनांक 15 अगस्त को झंडा वंदन किया जाता हैं उसी दौरान यह कृत्य पति ने किया। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। आज पूरे देश में झंडा वंदन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। यूं तो मध्य प्रदेश शासन महिला सशक्तिकरण, एवं महिलाओं को आगे बढ़ाने मे कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश की पंचायतो के अभी भी ये हाल हे की सरपंच के पद का उपयोग कोई और हि करता आ रहा है।
जहा इन महिलाओं को यह भी पता नहीं है की हमारे गांव की समस्या क्या है। तो वह गांव का विकास कैसे कर पायेगी वह तो अपने पति पर निर्भर है। पति जितना कहे उतना करेगी। अगर यही हाल रहा तो महिलाएँ जागरूक कैसे बनेगी। आज हर गांव की पंचायत मे प्रस्ताव प्रेरित कर गांव की समस्या को लेकर ग्रामीण लोगो से चर्चा की जाना थी बैठक की जाना थी गांव के विकास के बारे मैं जानता को उनके हक के बारे मे बताना था। ओर गांव की पंचायत मे ग्राम सभा का आयोजन किया जाना था । लेकिन नहीं हुई आखिर क्यो? जबकी मध्य प्रदेश शासन विकास कार्यों में 50% महिलाओं की भागीदारी की दुआएं देते नहीं थक रहा है। ओर लेकिन सच्चाई कुछ ओर हि बया हो रही है। इस पंचायत की सरपंच ने किसी प्रकार का कोई संवाद भी नहीं किया। केवल औपचारिकता पुरी की गई पंचायत मे आये दीप जलाये ओर झंडा वंदन किया ओर चलते बने। किसी प्रकार का कोई संवाद नहीं बिल्कुल मोन धारण कर फोटो खिचवाये ओर चलते बने तो क्या इस प्रकार से गांव वालों की समस्या दूर होगी। यह तो वहि बात हो गई की धोभी का कुत्ता ना घर का ना घाट का कहावत को सिद्ध करते नजर आये।

देखा गया हैं कि अधिकांश पंचायत मे महिला सरपंच, पंच, उपसरपंच, केवल नाम की होती है। असल में पंचायत का काम तो उनके पति ही संभालते हैं। अभी प्रदेश के सागर एवं दमोह में सरपंच एवं पंच की शपथ उनके पतियों, देवर, द्वारा लेने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। आज स्वतंत्रता दिवस पर लोकतंत्र में महिला सशक्तिकरण, पंचायत में महिलाओं की 50% आरक्षण का मजाक उड़ाते हुए नजर आये हैं। पेटलावद तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत झकनावदा का आया है। यहां पर सरपंच तो श्रीमती रामी बाई पति बालू मेंडा बनी है। परंतु उनके पति बालू मेंडा के कार्यकाल मे भी इस पंचायत मे कई काले कारनामें किये गये है। जिसमे मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के आदेशों की अवहेलना करते हुए सहभागिता की हे ओर जो कार्य नहीं हुए हे उनके ऊपर भी हस्ताक्षर कर बिल जमा कर राज्य सरकार और केंद्र सरकार की जन हितेषी योजनाओं को पलिता लगा दिया है। और सुनाने मे आता हे की करोड़ो के घोटाले किये हैं। उसके बावजूद प्रशासन भी लाचार होकर बैठे रहते हैं और किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करते हैं।

सरपंच पति बालू मेंडा एवं तत्कालीन सचिव के पिछले कार्यकाल में करोड़ों रुपए के हुए भ्रष्टाचार को उजागर ना हो इस लिए भ्रष्टाचारीओ ने मिलकर पुनः उसकी पत्नी को सरपंच बनाकर इतीसी की गई हे।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी हुए गबन के वीडियो वाइरल हुए तो भी प्रशासन आख मुंद कर खामोश बैठा रहा। जिला निर्वाचन अधिकारी को इसके बारे मे जानकारी देने के बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। उनका कहना बस एक हि कहना था की जो आरो नियक्त किया हे वह जो भी करेगा। वह सही हैं। आप जो भी जानकारी मांगोगे वह जरूर देगा।

नायब तहसीलदार जगधीश वर्मा का कहना था की इस पर सख्त से सख्त करवाही की जाएगी। पीठासीना अधिकारों को नोटिस दिया गया है। सब मिलकर गोलमाल कर दिया गया ओर जैसा का तैसा कर दिया गया।

केंद्र एव मध्यप्रदेश शासन की अनेक जन हितेषी योजनाओं 50% सरपंच पति जो की पूर्व में सरपंच बालू मेंडा था ओर इनकि मिली भगत से मनरेगा, सुदूर सड़क योजना पंच परमेश्वर, चेक डैम, पशु शेड, निस्तार तालाब, कपिलधारा कूप निर्माण, जैसी अनेक शासन की जन हितेषी योजनाओं में सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर कर, फर्जी बिल लगाकर, शासकीय राशिओ का दुरुपयोग कर आहरण कर लिया गया।

जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा एवं जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन इस भ्रष्टाचार के हर पहलू पर जांच करें तो और भी बहुत सारे पहलू इस पंचायत के सामने आएंगे ओर इस पंचायत के साथ साथ मे आस पास की पंचायत मे हुए भ्रष्टाचार की परत दर परत पोल खुलती जाएगी। क्योकि झकनवादा पंचायत के कार्य बखतपुरा मे बखतपुरा का कार्य भेरुपाड़ा ओर भेरुपाड़ा का कार्य सेमलिया ओर सेमलिया का कार्य झकनावदा में सब मिलीभगत से कार्य करते हे और कोई कार्यवाही नहीं की जाति है।

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