प्रशासन और अधिकारी की देखी जा रही ला परवाही।
झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर
आइए जानते हैं ग्राम पंचायत झकनावदा में आज किस में आया भ्रष्टाचार।
पेटलावद तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत झकनावदा अभी जिस तरह से हर कार्य को उजागर किया जा रहा है। उसी को देखते हुए एक कारनामा इस रोड का भी खेल सामने आया है जहा बताया जा रहा है कि इस रोड को आर ई इस के अधिकारियों ने लगातार 20 वर्षो में या यू कहे कि लगातार तीन बार सरपंच बनाने के बाद भी इस रोड को लगातार तीन बार बनाया गया है। क्या खेल निराला है इस पंचायत का तो भगवान ही मालिक है कहने को तो झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील में सबसे बड़ी पंचायत कहते हैं उसी तरह जैसे की “ऊट के मुँह में जीरा गायब होता है। वैसे ही इस पंचायत मे आने वाली समस्त योजना गायब होती है “ यही कारण है की इस पंचायत में कभी उन अधिकारियों ने आकर पैर नही रखा क्योंकि उनको उनके हिस्से का वही मिल जाता है। वरना अधिकारी देखते की सही कार्य हो रहा की नही उस रोड की गुणवत्ता देखी जा सकती थी। मगर आने से पहले ही उनकी जेब गरम करदी जाति है। इस लिए सिर्फ बिल देखकर पास किया ताकि जब तक बिल पास नहीं होता तब तक उसमे से कमीशन नही मिलता यह सब जानकर भी अनजान बने बैठे जनपद पंचायत के अधिकारी अपना अस्तित्व भूल गए कि हम किस कुर्सी पर बैठे हैं और क्यों यह कुर्सी हमे दी गई है। अपना स्वाभिमान बेचते रहे। और घुसखोरो की बात मानते रहे।
हम बात कर रहे है ग्राम के उस रोड की जो की 20 वर्षो में लगातार 3 बार बनाया गया है। और सरकार से लाखो रुपये इस रोड के नाम से निकाले गये है। जो की झकनावदा से नाडातोड तक आने जाने वाले कृषको को समस्या ना हो इस लिये इस रोड को बनाया गया था। जिससे कि आने जाने वाले राहगीर और जिनके खेत हे। उन किसान भाइयों को अपने खेतो पर बारिश के समय होने वाली समस्या ना हो। लेकिन कुछ लोगो कि मिली भगत से उस रोड को सही तरीके से नहीं बनाया गया है उसकी गुणवत्ता देखी जा सकती है। क्योंकि यह यो वही कहावत हो गई जैसे की “एक पापी पूरी नाव डूबता है वैसे ही उस रोड के कुछ लोगो कि वजह से दूसरे सभी लोगो को इस समस्या से गुजरना पड़ रहा है।” हालाकि उनको भी उसी रोड से आना जाना करना पड़ता है। लेकिन कहते हैं कि लालच भूरी भला है वह दीमक की तरह खा जाती है।
“अधिकारी सिर्फ अपना देख रहे है बाकी गांव जाए भाड़ में”
क्योंकि अधिकारी सब वह जानते हैं कि गलत हो रहा है पर लालच में आकर गलत को भी सही कर दिया जाता है। इस लिए कभी भी इस पंचायत की तरफ आकर देखा तक नहीं की क्या चल रहा है।
मगर कहते हे की अति का अंत जरूर होता है
इसी को ध्यान में रखते हुए अब यह सब जानकर ग्रामीण लोग जाग्रत हुए हैं और अपने अधिकार और प्रशासन की लापरवाही को अब सहन नहीं कर पा रहे हैं और पंचायत में हो रहे हर उस कार्य को टटोला जा रहा है जो कार्य अभी तक पंचायत के द्वारा किए गए हैं। और जो भी योजना राज्य सरकार और केंद्रसरकर द्वारा इस पंचायत में दी गई है उनका हिसाब ग्रामीणों के द्वारा मांगा जा रहा है। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस पंचायत में किसी प्रकार का हिसाब नहीं है। यहा तक की अब नया कार्य तभी होगा जब तक पिछला जो भी कार्य हो पंचायत के द्वारा पूरा कर दिया जाएगा तब तक कोई नया कार्य नहीं होगा। लेकिन जो कागजों पर है और जमीनी स्तर पर नही हैं या अभी बाकी हैं। उसको पूरा करे। जब तक शासन और प्रसासनिक अधिकारी इस पंचायत की तमाम योजना और कार्य को छतिग्रस्त कर दे। नहीं तो आने वाले समय में यहा के ग्रामीण जन इस बात को लेकर सीएम और पीएम तक जा सकते है। और समय के विपरत होने पर धरना प्रदर्शन भी किया जा सकता है। जिसमे पूर्ण जवाबदारी पंचायत और प्रशासन की रहेगी।
दो दो राष्ट्रीय दिवस पर भी बैठक नही की गई।
ग्रामीण क्षेत्र के लोगो का कहना है कि अभी 15 अगस्त और 2 अक्टूबर जैसे दिवस पर भी ग्राम पंचायत समिति द्वारा बैठक तक का आयोजन नही कर पाई। क्योंकि हर बार लोगो को बुलाकर फोटो अपलोड कर उन्हे रवानगी दे दी जाती है। इस लिए अब बैठक तक नहीं बुलाई जा रही है।
इस रोड से बहुत जल्द हम आपको रूबरू करवाएंगे।
अभी जिस तरह से ग्राम पंचायत झकनावदा में APO,BPO,CPO ने आकर सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायतों की जांच की गई और आकर जो पंच नामा बनाया गया है। से पंच नामा बनाके ले गए हैं उसका क्या हुआ है। उसके साथ ग्रामीण लोगो का कहना हैं कि अगर सरकार की समस्त योजनाओं मे जो पात्र व्यक्ति हे उन्हे तो लाभ मिला चाहिए था।