झकनावदा नगर के हाट बाजार मे बनाई गई पक्की दुकाने ओर पंचायत मे लगाए गये बिल।
झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर
जी हा हम बात कर रहे है झाबुआ जिले की पेटलावद जनपद की सबसे बड़ी पंचायत जहा पर पिछले 7 साल के कार्यकाल मे इतने गबन किये गये है की उसका हिसाब भी नहीं लगाया जा सकता है। खेर अभी हम बात कर रहे है। ग्राम पंचायत के विकास की जो कार्य जमीन स्तर पर बना हि नही है। उसका बिल लगाकर किस तरह से पंचायत के सदस्यो के द्वारा किस तरह से कोरोना काल में भी कार्य कर बिल लगाए गये।
अब सावल यह उठता हे की जब सरकार ने पूरे कोरोना काल में सभी बंद था तो इस पंचायत वालों को समान कहा से मिल गया। सोचने वाली बात है।
इसी तरह से तमाम योजनाओ को किस तरह से भरष्टाचार की भेट चढ़ा रहे है ओर उसमे पंचायत जनपद पंचायत ओर जिला पंचायत के समस्त इस मे शामिल है तभी तो इस पंचायत से इतने बिल कैसे पास कर दिये जब की नहीं उस कार्य की समीक्षा की गई। इस एक पंचायत को दुखते हुए तो यही प्रतीत होता हैं की किस तरह से पेटलावद तेहसील ओर झाबुआ जिले की पंचायत मे कितना भरष्टाचार कीया गया hi गा। इसी तरह इस पंचायत को किस उदेश्य से भ्रष्टाचार को भेट चढ़ाया गया हैं।
अब क्या इस बिल के आधार पर भी प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं करेगा।
तो हमारा मानना यह हे की हमने इन आला अधिकारियों को कई बार इस के बारे मे अवगत कराया है उसके बाद भी इन अधिकारियों के द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
हम आपको उस जगह का फोटो भी बता रहे जहा इन्होने दुकान निर्माण का कार्य किया है।
सलग्न है फोटो 1
सलग्न फोटो बिल का 2
इस तरह से तो यह बात स्पस्ट हो रही हैं की पंचायतो के द्वारा जो भी बिल जमा कराये जाते हैं उनकी समीक्षा किये बिना हि ये आला अधिकारी बिल पास कर देते हैं। जिसके चलते उनको भी कुछ मिलता होगा। इसी आधार पर ये कह सकते है की झाबुआ जिला पुरी तरह से भरष्टाचार मे लिप्त है और सिर्फ ओर सिर्फ खाना पूर्ति कर इतीसी प्राप्त की जा रही है।