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ग्राम पंचायत की समस्या का समाधान तो होता नहीं ओर ग्रामीणों को परेशान करने के लिए उनको नोटिश दिया जाता है।

क्या खेल खेला जा रहा है प्रसाशनिक अधिकारियों के द्वारा

झाबुआ से चंद्रशेखर राठौर

पेटलावाद/ झकनावदा….
जनपद पंचायत पेटलावाद की 77 ग्राम पंचायतों में से कोई पंचायत बाकी नहीं हैं जहाँ भ्रष्टाचार ना हुआ हो। आये दिन झाबुआ जिले में पेटलावाद एक ऐसी तेहसील है। जहाँ पर मध्यप्रदेश शासन एवं केंद्र सरकार की जन हितेषी योजनाओं मे खुलकर भ्रष्टाचार हुआ है। और आगे भी नीत नये भ्रष्टाचार मे आयाम गढ़ रही है। और अधिकारी है की सुनने को तैयार नहीं है! जनपद पंचायत पेटलावाद की उप तेहसील झकनावदा जहाँ पर भ्रष्टाचार को लेकर सीएम हेल्पलाइन शिकायतो का समाधान तो नहीं किया जा रहा ओर जिन्होंने ग्राम पंचायत की शिकायत की है उनको अब ग्राम पंचायत नोटिश देकर उनको दबाना चाहती हैं। जबकी उन शिकायतो का निराकरण करना तो दूर की बात हैं।लेकिन जिसने शिकायते की है उनको अब नोटिश देकर डराया जा रहा है, ताकि मजबूर होकर शिकायत वापस ले ले ओर उनका कार्य चलता हैं। जनपद पंचायत कछुए की चाल से शिकायतो का निराकरण कर रहा हैं। इसीलिए सायद ये पंचायत वाले अब उसे कहते है की आपके द्वारा दुकान का किराया समय पर नहीं दिया जा रहा है। जबकी उसी व्यक्ति के द्वारा नविन अटल कोम्प्लेस मे दुकान को लेकर पंचायत,जनपद पंचायत, जिला पंचायत और जनसुनवाई मे भी गुहार लगाई गई थी उसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई। तब उस व्यक्ति ने परेशान होकर सीएम हेल्पलाइन का सहारा लिया। क्योकि उस व्यक्ति के द्वारा नविन कोम्प्लेस की जगह पर पहले एक गुमति रखकर अपना जीवन व्यापन कर रहा था। तब पंचायत द्वारा उसे कहा गया की इस स्थान पर नविन दुकाने बनाई जा रही है। और जिसकी जहाँ पर गुमटी रखी है वही पर दुकान दी जाएगी। जिसमें पंचायत द्वारा उस व्यक्ति को ठहराव प्रस्ताव बनाकर व उसकी कीमत 2 लाख 5 हजार रुपये चेक मय पंचायत को उस व्यक्ति के द्वारा भुगतान किया गया था। उसके बाद भी उस व्यक्ति को पंचायत के द्वारा कोई दुकान नहीं डी गई। और पंचायत की बनी दुकानो को पंचो ने मनमाने ढंग से आपस मै बंदर बाट कर ली। और शिकायत कर्ता को कहा की आपको दुकान आजीविका भवन के पास दी जाएगी। लेकिन शिकायत कर्ता का कहना था की जिस स्थान पर मेरी गुमटी रखी थी उस स्थान पर मुझे मेरी दुकान मिलानी चाहिए।

विगत दिनों जनपद पंचायत पेटलावाद सीईओ द्वारा सीएम हेल्पलाइन की शिकायतो के निराकरण के लिए जांच दल भेजा गया था।

जांच दल मे एसडीओ आलावा और पंचायत सब इस्पेक्टर ज्ञानसीह चौहान, सब इंजीनियर ठाकुर, एपीओ भूरिया के द्वारा ग्राम पंचायतो की 13 दुकानों का निरीक्षण करने पर पाया की दुकानों के निर्माण तथा नीलामी मे विधिवत प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। एवं पंचायत राज अधिनियम के नियमानुसर नीलामी नहीं की गई है। एवं पंचो के द्वारा मनमाने ढंग से दुकानों का आवंटन किया गया है। और शिकायत कर्ता की शिकायत सत्य हैं। और इन सभी 13 दुकानों की सार्वजनिक नीलामी की जावेगी।

लेकिन अब ग्राम पंचायत उसे नोटिश उनको क्या शाबित करना चाहता है की उसे नोटिश दे कर डराया जाये। जबकी उसे किसी प्रकार का पहले नोटिश नहीं दिया गया ओर नोटिश जारी किया जा रहा हैं। ओर ना हि उसमे दुकान का क्रमांक भी नहीं लिखा है। तो क्या सिर्फ आँख बंद कर के सचिव ओर सरपंच किसी के दबाव मे आकर नोटिश दे रहा है।

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