झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर
पेटलावाद क्षेत्र के राजस्व विभाग के कारनामें देखनो को मील रहे समाने एक किसान कई दिनों से हो रहा परेशान कोई अधिकारी उसकी पीड़ा सुनाने को तैयार नहीं
परियादी राजस्व विभाग के सभी पदाधिकारी से कर चुका है मुलाकात
फरियादी का कहना है की इस बात को लेकर मे झाबुआ जिला कलेक्टर महोदय से भी निवेदन कर चुका है ओर जनसुनवाई मे भी आवेदन कर चुका हूं ओर परियादी पेटलावाद के तहसीलदार साहब को भी आवेदन कर चुका हूं ओर निवेदन भी उसके द्वारा किया गया है। पेटलावाद से झाबुआ तक के समस्त अधिकारियों से इस मामले को लेकर जा चुका हूँ। उसके बाद भी उसकी किसी प्रकार से सुनवाई नहीं हो रही है।
अभी सभी की सोयाबीन की फसल कट चुकी है। ओर गेहूं की बोवनी सुरु हो गई है।
परियादी का कहना है की अभी सभी की सोयाबीन की फसल कट चुकी है ओर साथ हि गेहूं की फसल बोना सुरु हो गई है। लेकिन मेरे खेत पर अभी भी सोयाबीन कटे हुए हि पड़े है। अगर समय पर मेने भी बोवनी नहीं की तो मेने जो कर्ज लेकर खेती की है उसकी बरपाई कैसे करूंगा ओर दूसरी बोनी नहीं करूंगा तो घर कैसे चलेगा। बड़ी विडम्बना है इन अधिकारिओ ने मुझे बहुत गुमाया है। अब मे खेती करु या इन अधिकारिओ के दफ्तर के चक्कर लगाते रहू। ओर सामने वाले फसल कटने वाली होती है। ओर जगड़े करने आ जाते हैं। ओर इतनी शिकायत करने के बाद भी मेरी फसल पर जगड़े करने वाले लोगो को पेटलावाद के आला अधिकारियों के द्वारा फसल उसे दिलावा रहे है।
पेटलावाद एस डी एम को भी दिया गया आवेदन।
प्रार्थी का कहना है की मेरे द्वारा एस डी एम साहब को भी इस मामले के ओर खेती के समस्त सबूत देने के बाद भी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही हैं। अब मे किसके पास जाऊ !
इस क्षेत्र के पटवारी ने भी पंचनामा बना कर दे दिया है की जमीन इनकी हि है।
प्रार्थी का कहना है की राजस्व विभाग और पटवारी द्वारा भी इस मामले का निरीक्षण कर पंचनामा बनाकर राजस्व रिकार्ड के अनुसार बनाकर दे दिया है उसके बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही आला अधिकारियों के द्वारा नहीं की जा रही हैं।
सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने पर भी कोई हल नही हुआ।
फरियादी के द्वारा बताया गया की सी एम हेल्पलाइन पर शिकायत करने पर भी किसी प्रकार की सुनवाई इन आला अधिकारियों के द्वारा नहीं की जा रही है ओर कहने मे आता हैं की झाबुआ कलेक्टर के द्वारा निर्देश दिये जाते हैं की 7 दिन मे सी एम हेल्पलाइन की शिकायत का निवारण किया जाना चाहिए लेकिन प्रार्थी का कहना है की सिर्फ कहने की बात है शिकायत का किसी प्रकार का निवारण नहीं होता है।
अब सावल यह उठता है की क्या झाबुआ जिले के अधिकारी ओर पेटलावाद क्षेत्र के अधिकारी इस मामले मे क्यो नहीं कार्यवाही कर रहे है। क्या इन्हे किसी का दबाव मील रहा है या किसी के कहने पर इस मामले की कार्यवाही नहीं की जा रही है।
आखिरकार क्यो इस पीड़ित किसान के आवेदन की सुनवाई नहीं की जा रही हैं। पार्थी का कहना है की अब मे किस के पास जाऊ मेरी किसी प्रकार से कोई सुनवाई नहीं कर रहा है मे क्या करू ।