झाबुआ से चंद्रशेखर राठौर
यह हे पुरा मामला
पेटलावद तहसील के अंतर्गत आने वाली उप तहसील झकनावदा इन दिनों जिले में पूर्व में हुए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले में सुर्खियां बटोर रहा है। यहां पर तत्कालीन सचिव एवं सरपंच द्वारा शासन की जन हितेषी योजनाओं मनरेगा, पंच परमेश्वर योजना, सुदूर सड़क निर्माण योजना, निस्तार तालाब योजना, कपिलधारा कूप निर्माण, चेक डैम निर्माण, सीसी रोड निर्माण, पशु शेड निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी अनेक महत्वाकांक्षी एवं जन हितेषी योजनाओं में खुलकर लाखों रुपए का सरकार को चूना लगाया गया। इस मामले को लेकर जागरूक ग्रामीण के समक्ष तत्कालीन जिला कलेक्टर, तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ को दिनांक 16/8/ 2022 को एवं बाद में जनपद पेटलावद सीईओ को भी एक आवेदन दिया। उसके बाद भी आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद ग्रामीण जागरूक लोगों ने सीएम हेल्पलाइन की शरण ली। वहां पर शिकायत की। वहां पर भी लेवल L4 तक शिकायत पहुंच जाने पर केवल जनपद सीईओ का आश्वासन ही मिला। उसके बाद जागरूक ग्रामीणों ने सूचना के अधिकार में पंचायत के विकास कार्यों की जानकारी पंचायत से मांगी। उन्हें भी अधूरी जानकारी दी गई। और कहा गया की यहा पर इससे ज्यादा कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है।
सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायतों के निराकरण के लिए जनपद सीईओ द्वारा दल भी गठित किया गया
सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण के लिए सर्वप्रथम 1/10/ 2022 को जनपद सीईओ द्वारा दल गठित किया गया। दल में एपीओ बीपीओ और पीसीओ शामिल हुए। दल ने शिकायत कर्ताओं के साथ स्थान का मौका मुआयना किया जिसमें दल ने पाया कि रोड गुणवत्ताहिन एवं रोड में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। साथ ही शिकायतकर्ता ने अटल कांपलेक्स की भी शिकायत की जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि नवीन अटल कॉन्प्लेक्स जो पंचायत द्वारा बनाए गए हैं। उसकी भी सार्वजनिक विधिवत नीलामी जो की इस पंचायत के द्वारा नहीं की गई। एवं पंचों द्वारा ही आपस में बंदरबांट कर ली गई। दल ने पाया कि यहां पर दुकानों की नीलामी को लेकर गड़बड़ी हुई है। दल ने कहा कि इसकी भी सार्वजनिक नीलामी की जाएगी। इसके अलावा आजिविका मिशन भवन जो बनाया गया है वह भी शिक्षा विभाग की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करके बनाया गया है। दल ने पाया कि इस कार्य में अनियमितता पाई गई है। यह जांच का विषय है। उन्हें शिकायतकर्ता को लिखित मे एक पंचनामा साइन करवा कर दीया गया। इसके बाद मीडिया में भी इसकी खबर आई। इसके बाद जांच दल वापस 27 अक्टूबर 2022 को जांच हेतु झकनावदा आया। उसमे भी जो शिकायतकर्ता बाकी रह गए थे। अपना निराकरण कराने के लिए उनकी शिकायतों का मौका मुआयना किया गया। परंतु इसमें जांच दल ने पंचनामा लिखित में शिकायतकर्ता को नहीं दिया। इसके बाद फिर 11/11/ 2022 को जनपद पंचायत पेटलावद सीईओ ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की जांच हेतु फिर एक दल गठित किया। दल में प्रमुख रूप से एसडीओ अलावा, पंचायत इंस्पेक्टर ज्ञान सिंह चौहान, इंजीनियर ठाकुर, तत्कालीन सचिव भीम सिंह कटारा उपस्थित हुए। जिसमें दल ने सीसी रोड जोकि मडु के घर से प्रकाश चौहान के घर तक बना है। और जो दोबारा बना है। उसका मौका मुआयना किया गया। जिसमें दल ने पाया कि यह रोड पूरी तरह से जीर्णशीन हो चुका है और इसमें भी घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है। और रोड गुणवताहिन बना है। इसके बाद दल शिकायत कर्ताओं के साथ हाट बाजार में पहुंचा। जहां पर दल ने पाया कि हाट बाजार में कोई दुकान निर्माण नहीं किया गया। कार्य केवल कागजों पर ही हुआ है। और राशि आहरण कर ली गई। इसमें भी खुलकर भ्रष्टाचार हुआ है। उसके बाद जांच दल ने चार सीसी रोड जो केवल कागजों पर ही बने है। चारों जगह का निरीक्षण करने पर दल ने पाया कि यहां पर कोई रोड नहीं बनाया गया और 10 लाख 50 हजार रुपए की राशि आहरण कर ली गई। इसके बाद शिकायतकर्ता के साथ दल 8 चेक डेम का निरीक्षण करने पहुंचा। जहां पर दल ने पाया की। लेवल 3 चेक डैम बनाए गए हैं। और वह भी गुणवत्ताहीन बनाया गये। जिसमें घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। और जो एक बनाया गया है वह भी बखतपुरा पंचायत में आता है। और दो झकनावदा पंचायत में बनाया गये। इसके अलावा पांच बने नहीं। और राशि आहरण कर ली गई। इसके बाद दल वृक्षारोपण की शिकायत का मौका मुआयना करने पहुंचे। जहां पर दल ने पाया कि यहां तो सिर्फ गड्ढे खुदे है। पौधे के दिखाई नहीं दे रहे हैं। और 4 लाख के लगभग राशि का आहरण कर लिया गया। इसमें भी शिकायतकर्ता को कोई लिखित में पंचनामा साइन करके नहीं दिया गया। शिकायतकर्ता द्वारा पंचनामा मांगने पर उन्होंने कहा कि अभी जांच बाकी है। जांच पूरी हो जाएगी उसके बाद आपको पूरी जांच रिपोर्ट की कॉपी दी जाएगी। केवल खानापूर्ति के लिए एसडीओ के द्वारा मोबाइल में वीडियो बनाकर ही साक्ष्य के रूप में रखा गया।
मजबूर होकर गांव के जागरूक ग्रामीण पहुंचे हाई कोर्ट इंदौर
इतना कुछ करने के बाद भी ग्रामीणों को केवल आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। तो मजबूर होकर ग्रामीणों ने उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में पंचायत के खिलाफ एक याचिका लगाई। जिसमें उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर ने एक नोटिस जिला पंचायत झाबुआ में जिला पंचायत सीईओ को दिया गया। जिसके तारतम्य में जिला पंचायत सीईओ ने विकास कार्य में हुए भ्रष्टाचार की जांच हेतु 4 सदस्यीय दल का गठन किया। जिसमें एडिशनल सीईओ दिनेश वर्मा, एसडीओ झाबुआ पीडब्ल्यूडी विभाग दिलीप कुमार शुक्ला, एसडीओ आर ई एस झाबुआ धीरज अखंड एवं उपयंत्री जनपद पंचायत राणापुर गोविंद चौहान को सम्मिलित किया।और सात दिवस मैं याचिका में उल्लेखित कार्यों की जांच कर संयुक्त जांच कर प्रतिवेदन स्पष्ट अभिमत के साथ अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया और निर्देशित किया गया की समय का विशेष ध्यान रखें। दल की पूरी जांच में एक बात खुलकर सामने आई कि इस जांच में तत्कालीन सरपंच को जांच से दूर रखा गया उसे नहीं बुलाया गया। और तो केवल एक ही जांच में तत्कालीन सचिव को भी बुलाया गया।
ग्राम पंचायत झकनावदा में विकास कार्यों में हुए भ्रष्टाचार के मामले मैं जांच दल द्वारा किया गया मौका मुआयना
मध्यप्रदेश शासन की जन हितेषी योजना में हुए भ्रष्टाचार का मामला पहुंचा हाईकोर्ट
पेटलावद/ झकनावदा—मध्यप्रदेश शासन की जन हितेषी योजना में हुए भ्रष्टाचार को लेकर याचिकाकर्ताओं द्वारा ग्राम पंचायत झकनावदा के खिलाफ एक याचिका उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर मैं दायर की गई। उल्लेखनीय है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ को एक नोटिस उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर ने जारी किया। इस मामले को देखते हुए आज दिनांक 10/11/2022 वार शनिवार को जिला पंचायत सीईओ द्वारा 4 सदस्य टीम गठित की गई थी। आज याचिकाकर्ताओं द्वारा जो 13 बिंदु की जांच की मांग की गई थी। जिसमे जांच दल द्वारा याचिका में उल्लेखित बिंदुओं के आधार पर कुछ मेन बिंदु के कार्यो की जांच की गई जिसमे प्रथम वृक्षारोपण की जांच की जहा पर 200 खड्डे खुदाई की गई और पौधा रोपण नहीं किया गया बताया गया और खड्डो की लम्बाई चौड़ाई और गेहराई की नाप की गई और उआकी कीमत अधिकारियों के द्वारा एक डायरी मे नोट की गई। दूसरा जो की पशु शेड की जांच करना थी उसमे भी एक पशु शेड की जांच की गई वहा पर विवाधित मामला हो गया। जहा पर पत्रकार के द्वारा कवरेज किया जा रहा था तो पत्रकार के साथ मारपीट की वारदात की गई। और तीसरा कपिलधारा कूप निर्माण की जांच के चलते एक कूप निर्माण जो की सर्वजनिक कूप निर्माण समशान घाट मे किया गया उसकी जांच की गई और उसकी लागत, चौड़ाई, लम्बाई, गेहराई उसकी जांच की गई बाकी शेष बचे है। उसी के चलते चेक डेम की जांच की गई जो की सुतार वाली खाली मे एक बना है। उसकी जांच की जो जिसमे लम्बाई,चौड़ाई, गहराई, ओर लागत की जांच की ओर 2 चेक डेम भूतखाली मे बताये गये जो की वहा पर ना होते हुए छापारा खाली मे बनाये गये है। उसी के चलते गल बाबजी से समसान घाट तक के रोड की जांच की गई जिसमे भी अनियमिता पाई गई ऐसा उच्च अधिकारी के द्वारा मौखिक चर्चा में कहा गई। जन हितेषी योजनाओं मैं निर्माण के कुछ स्थान का मौका मुआयना किया गया। जांच दल सर्वप्रथम रामदेव जी के घाट पर वृक्षारोपण का निरीक्षण करने पहुंचा। जहां पर सिर्फ गड्ढे की खोदे गए। पौधे नहीं लगाए गए। यहां पर जांच रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया गया। उसके बाद जांच दल पशु सेड की जांच करने पहुंचा।जहां पर पशु शेड का मौका मुआयना किया। यहां पर जांच दल ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया। उसके बाद जांच दल ने सुतार खाली मैं बने चेक डैम का निरीक्षण किया। जहां पर केवल एक चेक डैम बनाहै। दो बने ही नहीं जबकि तीन चेक डैम रिकॉर्ड में थे। वहां पर केवल एक चेक डैम का उन्होंने टेप से मापदंड कर रिकॉर्ड में लिया। अब जांच दल याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए अगले बिंदु सुदूर सड़क योजना निर्माण स्थान पर पहुंचा जहां पर जांच दल द्वारा रोड का निरीक्षण किया गया। यहां पर भी जांच दल ने मौका मुआयना किया। एवं मापदंड कर जांच रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया। जांच दल चबूतरा निर्माण स्थान पर पहुंचा।जहां पर याचिकाकर्ता द्वारा आरोप लगाया गया कि एक ही चबूतरा 4 बार बना है। तो एक चबूतरा 4 बार कैसे बन सकता है। जांच दल ने रिपोर्ट में विवादित स्थान लिखकर रिकॉर्ड में लिया। और दूसरा चबूतरा जो की पंचायत कहती है मेने बनाया ओर सोसायटी कहती हैं की हमने बनाया अब देखना यह हे की किसके रिकार्ड मे बना हुआ आता है। यह भी जांच का विषय है। इसके बाद जांच दल चेक डैम का निरीक्षण करने पहुंचे जहां पर छापरा खाली में ही दो चेक डैम गुणवत्ताहीन पास पास बनाए गए। एवं एक की लोकेशन भूत खोई नाले पर बताई जा रही है जबकि वह छापरा खाली पर बना है। इसके बाद जांच दल देवीगढ़ पहुंचा जहां पर चार चेक डैम गुणवत्ताहीन पास पास में ही बनाए गए। एवं जो कि बखतपुरा पंचायत में आते हैं। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि झकनावदा ग्राम पंचायत का काम दूसरी पंचायत में कैसे कर सकते हैं। जोकि पंचायत राज्य अधिनियम के विरुद्ध है। जांच दल ने चेक डैम का मापदंड कर जांच रिपोर्ट को एसडीओ धीरज अखंड ने रिकॉर्ड में लिया। इसके बाद जांच दल प्रकाश चौहान के घर से मडु के घर तक जो सीसी रोड बनाया गया। है।हाट बाजार में कागजों पर बनी दुकानों का निरीक्षण करने पहुंचा। जहां पर दुकानें कहीं बनी हुई नहीं दिखी। एवं एक सार्वजनिक कूप की मरम्मत का केवल कागजों पर ही कार्य पंचायत द्वारा किया गया। इसके बाद जांच दल को याचिकाकर्ता ने अवगत करवाया कि यहां पर 4 सीसी रोड ओर भी है जो नहीं बनाए गए है। और उनकी राशि पंचायत द्वारा आहरण कर ली गई। तब जांच दल ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी हमने सब इंजीनियर ठाकुर को दी है। क्योंकि यह जनपद पंचायत पेटलावद सीओ द्वारा जांच दल में शामिल थे। उनसे हम रिपोर्ट ले लेंगे। जबकी सब इस्पेक्टर पहले हि जांच कर इसकी रिपोर्ट सीईओ जनपद पंचायत पेटलावाद के समक्ष प्रस्तुत कर चुके है उसके बावजूद जिले की टीम को नहीं बताई गई। जो की सोच से परे हैं। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने नवीन अटल कॉन्प्लेक्स को लेकर कहां की इसकी नीलामी में भी गड़बड़ी हुई है। क्योंकि इसमें सार्वजनिक नीलामी भी नहीं की गई। और पंचायत द्वारा ही आपस में अटल कॉन्प्लेक्स की दुकाने आपस मे बांट ली गई है ओर रेंट पर दे दी गई है। ओर जिसकी पहले गुमटी थी उससे 2 लाख 5 हजार रुपये लिए गये उसके बाद भी उसे दुकान नहीं दी गई।
तब अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ ने कहा इस
यह मामला भी हमारे संज्ञान में है। इसमें भी आवंटन को लेकर गड़बड़ी हुई है। इसकी सार्वजनिक नीलामी की जाएगी। अब देखना यह होगा कि यह सार्वजनिक नीलामी कब की जाती है। जांच दल ने अभी जांच को सार्वजनिक नहीं किया है। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि हम यह जांच प्रतिवेदन तैयार करके उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर को प्रेषित करेंगे। इसके बाद जांच की एक प्रति याचिकाकर्ताओं को भी दी जाएगी।