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कुंभाखेड़ी के तंबोलिया तालाब की नहर हुई छतिग्रस्त

झाबुआ से जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर

मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का कहना है की किसी भी किसान को किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। तो अब इस समस्या पर माननीय मुख्यमंत्री जी आप क्या कहेंगे आपके ही अधिकारी इन किसानों की समस्या का कोई निराकरण नही कर रहे हैं और आंख बंद कर बैठे हुए हैं। आपके द्वारा कहा गया है कि अगर कोई खबर लगती है तो उसकी जांच की जाए और उस पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही शुरू करे नही तो में उस विभाग के अधिकारी पर कार्यवाही करूंगा।

तो क्या इन किसानों को न्याय मिलेगा।

पेटलावद तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कुंभाखेडी से लगभग 2 किलोमीटर दूर तंबोलिया तालाब किसानों की सिंचाई की समस्याओं को देखते हुए निर्माण किया गया है।
और उस तालाब से एक कच्ची नहर सिंचाई के लिए कुंभाखेड़ी से बिजोरी तक परियोजना के अंतर्गत बनाई गई है। लेकिन अभी मिली जानकारी अनुसार
यह नहर कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है । और उससे पानी का रिसाव तेजी से हो रहा है। जिसके चलते झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ पत्रकार को इसकी सूचना मिलते ही ग्राम पंचायत कुंभखेड़ी जाने पर आसपास के किसान लोग इकट्ठा हो गए और कहने लगे की इस नहर के छतिग्रस्त होने के कारण बिजोरी के किसानों के खेत तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।जिससे किसानों की समस्या है की अगर इस नहर का पानी खेत तक नहीं मिला तो हम किसानों ने जो गेंहू बोए है वह किसी काम के नही रहेंगे। और अभी तो कई किसानों के खेत में तो पानी भरपूर मिल रहा है और उनकी फसल भी बाहर निकल गई है और पानी भी पूर्ण रूप से मिल रहा है लेकिन बिजोरी के किसान के खेतो तक इस नहर का पानी नहीं पहुंच पा रहा है जिससे किसान बड़े परेशान हैं और उनका कहना है कि अगर समय पर हमारे खेतो को पानी नहीं मिला तो हम बर्बाद हो जायेंगे और कर्ज के चलते हमे आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ेगा।

तंबोलिया तालाब परियोजना के अध्यक्ष रतनलाल डामोर से बात करने पर क्या कहा यह सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे

तंबोलिया तालाब परियोजना के अध्यक्ष रतनलाल डामोर का कहना है कि यह समस्या पिछले दो सालों से बनी हुई है। और कई बार मेरे द्वारा पेटलावद और झाबुआ जिले के अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी दी गई। लेकिन उनका कहना है कि यह तुम्हारे गांव की समस्या है तुम देख लो और अभी इसके लिए हमारे पास कोई फंड नहीं मिला है। उसके बाद भी ग्रामीणों के साथ मिल इस नहर के पानी को रिसाव से रोकने की कोशिश की गई लेकिन कामयाबी नही मिली और अब यह समस्या बड़ गई है। और ग्रामीण क्षेत्र के लोगो की समस्या बड़ रही है और अधिकारी है कि हमारी सुनने को तैयार नहीं है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या? बिजोरी के किसान लोगो को इस समस्या का समाधान मिलेगा या इन किसानों की फलस बर्बाद होगी।

झाबुआ जल संसाधन परियोजना अधिकारी से संपर्क करने पर किसी प्रकार का कोई जवाब नही मिला और ना ही मीडिया के कॉल को उठा कर उसका कोई जवाब दिया गया।

अब देखना यह होगा कि क्या झाबुआ जिला कलेक्टर इन किसानों के लिए इस समस्या का समाधान करती है या बिजोरी के किसानों को न्याय के लिए कब तक इंतजार करना पड़ेगा। क्या इनकी फसल खेतो में लह लहाएगी। या पानी के इंतजार में अपने खेतो में बोए गेहूं की फसल को पानी के इंतजार में नष्ट होते हुए देखेगी।

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