वर्दी पर दाग कोई धोने को तैयार नहीं |

झाबुआ से चंद्रशेखर राठौर की रिपोर्ट

पूर्व में भी मेघनगर थाने पर पदस्थ रहते हुए इनकी कार्यशैली पर विभागीय निंंदा शब्द सेवाकाल में लिखा गया है

पीड़ित पत्रकार ने पुलिस द्वारा अपने उपर किए गए षड्यंत्र की पुलिस अधीक्षक के सामने रखी सच्चाई इसके के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई थाना प्रभारी कौशल्या चौहान पर न होना अनेकों सवाल खड़े करता है

झूठी एफआईआर दर्ज करवाने वाले लिस्टेड गुंडे केखिलाफ भी अभी तक गुमराह करने एवं झूठी जानकारी व षड्यंत्र रचने केलिए धारा205,185,420 मे मामला दर्ज ना होना भी पुलिस एवं माफियाओं का गठजोड़ दर्शाता है

झाबुआ से चंद्रशेखर राठौर

झाबुआ जिले में इन दिनों कल्याणपुरा पुलिस अपनी तानाशाही और लोकतंत्र विरोधी रवैया के कारण बहुत कुख्यात हो रही है स्थिति यह है कि अपनी झांकी रौब बनाने निजी सम्बंधों का भुनाने और आतंक कायम करने के लिए निर्दोष लोगों पर झूठी एफआईआर. काटी जा रही है इसका कारण यह है, कि कल्याणपुरा थाना प्रभारी कौशल्या चौहान को लगता है, कि कानून उन के डंडे से चलता है तथा वे चाहे उसका जाब्ता कर सकती है, अपना डर कायम करने के लिए ऐसे कई काम किए जा रहे हैं जिससे कानून शर्मसार हो जाए पिछले दिनों कल्याणपुरा एक तथाकथित लिस्टेड गुंडे की झूठी रिपोर्ट एक पत्रकार राहुल गोस्वामी के विरुद्ध मारपीट और झूठी रिपोर्ट जबकि उक्त पत्रकार का इस घटना से कोई संबंध नहीं था ।एफआईआर में जिस समय घटना होना बताया गया था उस समय राहुल घटनास्थल पर था ही नहीं इसका प्रमाण सीसीटीवी फुटेज में उपलब्ध है मतलब साफ है यदि पत्रकार को ही झूठी एफआईआर काट कर फंसाने का षड्यंत्र अगर पुलिस रखें तो अनुमान लगाया जा सकता है कि आम लोगों के साथ क्या सुमित किया जाता होगा यह घटना ऐसी पहली नहीं है कल्याणपुरा थांदला रायपुरिया आदि कई जगह के व्यापारी और आम लोग कोशल्या चौहान के इस रवैया के शिकार हो चुके हैं परंतु आश्चर्य है कि पुलिस की छवि पर अपने कारनामों से मेल चढ़ाने वाली एक अधिकारी के प्रति विभाग के बड़े अफसर और जनप्रतिनिधि क्यों आंखे मूंद लेते हैं,कल्याणपुरा थाना प्रभारी के विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं होती है इससे संदेश यह मिलता है कि प्रशासन में और राजनीति में बड़े स्तर पर को अव्यवस्था फैली हुई है परंतु धीरे-धीरे संतोष जो आगामी दिनों में चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों को वोट न मिलने के रूप में भुगतना पड़ेगा।

इनका कहना है…
जांच अभी चालू हैं कुछ आवेदकों के बयान हो चुके हैं एक दो के बयान बाकी है, उसके बाद जांच रिपोर्ट बनेगी
सोनू डावर एसडीओपी पेटलावद

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