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झारखंड के जैन तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में सकल जैन समाज एवं नवरत्न परिवार ने सौंपा ज्ञापन

दलोदा से विक्रम सिंह राजपूत की रिपोर्ट


सकल जैन समाज दलौदा एवं नवरत्न परिवार दलोदा शाखा द्वारा झारखंड के गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम दलोदा तहसील कार्यालय पहुंचकर प्रवाचक चेतन त्रिवेदी को ज्ञापन सौंपा। इसमें समाज जनों ने सम्मेदशिखर तीर्थ बचाओ आंदोलन के समर्थन में जैन तीर्थकरों और संतों के मोक्षस्थल सम्मेदशिखर पार्श्वनाथ पर्वतराज की स्वतंत्र पहचान, पवित्रता और सरंक्षण बनाए रखने के लिए ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन वाचन करते हुए अंशुल अशोक मेहता ने बताया कि पार्श्वनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान पर्यटन धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर करने की मांग की। पार्श्वनाथ पर्वत राज को बिना जैन समाज की समिति के इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत वन्यजीव अभ्यारण का एक भाग और तीर्थ माना जाता है। तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान वह पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना को अविलंब रद्द करने की मांग करते हुवे तीर्थराज के संबंध में अन्य और कई मांगे रखी। जैन समाज द्वारा पार्श्वनाथ पर्वत राज और मधुबन क्षेत्र को मांस मदिरा की बिक्री से मुक्त कर पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग की। समाज जनों ने पर्वतराज की वंदना मार्गों को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण सामान्य जांच के लिए स्केनर – कैमरे सहित के पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाया जाए। पर्वतराज से पेड़ों का अवैध कटान पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित लगाने की मांग की।

ज्ञापन में जैन समाज द्वारा मांग की है कि 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा झारखंड में गिरिडीह जिले की मधुबन में स्थित सर्वोच्च जैन सम्मेद शिखर को वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित कर इको सेंसेटिव में गैर धार्मिक
गतिविधियों की अनुमति देने वाली अधिसूचना बिना जैन समाज से आपत्ति सुझाव के लिए जारी की थी 20 जैन तीर्थकरों और संतों की मोक्ष स्थली होने के कारण कण-कण प्रति एक जैन के लिए पूजनीय वंदनीय है। इसके विरोध में विश्व जैन संगठन द्वारा 17 मार्च 2022 को केंद्रीय वन मंत्रालय और झारखंड सरकार को इसे रद्द करने के लिए याचिका भेजी गई। मंत्रालय द्वारा कोई भी कार्रवाई ना करने पर विश्व जैन संगठन द्वारा 26 मार्च 2022, 6 जून 2022 और 2 अगस्त 2022 को देशव्यापी शांतिपूर्ण विरोध देशभर में जेंट्स था। मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कराने और शुद्ध पेयजल व चिकित्सा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए याचिका भेजी, लेकिन जैन समाज की मांगों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ज्ञापन का वाचन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी 24 मार्च को संगठन को समस्त जैन समाज के विषयों पर झारखंड सरकार और केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा कार्रवाई करने के लिए लिखने की जानकारी दी। ज्ञापन का वाचन अंशुल अशोक मेहता ने किया। ज्ञापन देने के दौरान जिला पंचायत सदस्य विजय मेहता, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र सुराणा, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष डॉ अजीत जैन, नवरत्न परिवार दलोदा अध्यक्ष आशीष जैन, प्रेस क्लब अध्यक्ष विकास सुराणा, श्री शीतलनाथ राजेंद्र जैन मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष राजेंद्र जैन, नवरत्न परिवार, स्थानकवासी जैन समाज सचिव ललित जैन सहित दलोदा एवं धुंधडका, आकोदड़ा सहित क्षेत्र के जैन समाजजन मौजूद रहे।

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