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मोदीजी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को ठेंगा दिखता एक मामला हुआ उजागर

1 करोड़ 76 लाख 40 हजार रुपये की लागत से बनने वाले शौचालय धरातल से हुए गायब। फिर भी जिम्मेदार अधिकारी बैठे है मोन।

कोई जांच करने वाला नहीं सब मिल बाट कर कर गये हजम

झाबुआ से चंद्रशेखर राठौर

यु तो पूरे जिले मे आए दिन भ्रष्टाचार की खबरे मीडिया मे सुर्खिया बटोर रही है। ओर शासन प्रशासन की जन हितेषी योजनाओं मे खुल कर भ्रष्टाचार किए जाने की खबरे लगातार मिल रही है। ओर देश के यशस्वी प्रधान मंत्री कहते है की मेरा देश आत्म निर्भर बन रहा है। लेकिन यह समझ मे नहीं आ रहा है की कैसे क्योकि इस जिले मे आत्म निर्भर कौन बन रहा है। क्योकि यहा तो शासन प्रशासन की जन हितेषी योजनाओं मे शासन के ही नुमाइंदे भ्रष्टाचारियो के साथ मिलकर एक रैकेट चला रहे है। तभी तो आज के इस दौर मे गरीब आदमी न्याय के लिए तरस रहा है। ओर जिम्मेदार अपना जेब भरने मे लगे है। अब आप ही बताइए मोदी जी जिले की जनता कैसे आत्म निर्भर बनेगी। यहा तो चोर चोर मौसेरे भाई है। क्योकि अक्सर यह देखा जा रहा है। की यहाँ शासन के ही अधिकारी है की कलेक्टर के नियंत्रण में ही नहीं है। तभी तो आम लोग अपनी समस्या को लेकर कभी जन सुनवाई मे तो कभी खुद कलेक्टर महोदया से सीधे संवाद कर रहे है। उसके बाद भी उन्हे सिर्फ आस्वासन ही दिया जा रहा है। कोई जांच नहीं कोई कार्यवाही नहीं ओर अपनी ही समस्या बता रहे है। ओर जनता की अपनी समस्याएं भी ऐसी की उसे कलेक्टर महोदया एक बार मे ही अपने अधिकारियों को बोलकर आसानी से हल कर सकती है। जैसे की राशन वितरण प्रणाली मे गड़बड़ी, प्रधान मंत्री आवास योजना मैं गड़बड़ी, स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले शौचालय निर्माण में गड़बड़ी, कपिल धारा कूप निर्माण, वृद्धा पेंशन, विकलांग पेंसन योजना, मनरेगा योजना मे हुए भ्रष्टाचार, गरीब रेखा की पात्रता, जॉब कार्ड, आयुष्मान कार्ड, खाता खतौनी मे सुधार, खराब सडके, पिने योग्य पानी की उपलब्धता, बिजली के बिल की बढ़ोतरी, जैसी गाव की छोटी छोटी समस्या हो उसमे भी केवल भ्रष्टाचार ही किया जा रहा है। ओर आप कह रहे है की डिजिटल इडिया बन रहा है। ओर आत्मनिर्भर बन रहा है। ओर अभी भी इस क्षेत्र में बेरोजगारी साथ नहीं छोड़ रही है। पलायन की समस्या बनी हुई है।

स्वच्छ भारत योजना के अंतर्गत शौचालय को लेकर ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत झकनावदा का सामने आया है

जहा पर 1 करोड़ 76 लाख 40 हजार रुपये की लागत से बनने वाली शौचालय चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट। जहा पर सन 2017-2021 में 147 पंचायत मे शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहन राशि ले चुके परिवार की सूची से पता चला की शासन द्वारा मंजूर किए गए थी। जबकी गाव के लोगों को पता ही नहीं चला की उसकी शौचालय मंजूर हो गई ओर पैसे भी डल गये। ओर गाव के एक भी घर मे मंजूर हुई शौचालय अभी तक नहीं बनाइ गई है। क्योकि सभी को पता ही नहीं चला की कब शौचालय मंजूर हुई ओर किसको किसको मिली है। इसकी जानकारी ही नहीं है। तो ऐसे मे इन भ्रष्टाचारियों ने गाव की बोली भाली जनता का फायदा उठा कर लोगो को गुमराह कर दिया की अभी नहीं बाद मै मिलेगी। ओर आज यह रिकार्ड देखने पर पता चला की सिर्फ कागजो पर ही शौचालय बना दिये गये है। ओर धरातल पर एक भी शौचालय बना हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। ओर तो ओर जो सरकार के रिकॉर्ड के लिए उस कार्य की फोटो पोर्टल पर अपलोड की जाती है वहां पर एक ही शौचालय निर्माण का फोटो सभी शौचालय पर डाल रखा है। जीतनी भी शौचालय बनी उस पर हमने सभी एक एक हितग्राही की डिटेल चेक की है। उसमें सभी 147 शौचालय मे एक ही फोटो रिकार्ड के तौर पर अपलोड किया गया है। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि पंचायत कर्मी द्वारा घर-घर जाकर पहले फोटो खींचे गए थे। उसके बाद भी निष्कर्ष सिर्फ 0 बटे सन्नाटा। अब सवाल यह उठता है कि गरीबों के हक का शौचालय आखिर गया तो कहां गया। और केवल कागजों पर ही बनकर क्यों रह गया। इससे तो यही साबित हो रहा है कि जिला कब आत्मनिर्भर बनेगा।

अब देखना यह दिलचस्प होगा की कलेक्टर महोदया इन जिम्मेदारो पर क्या कार्यवाही करती है। या तो इन भ्रष्टाचारियों को बचाएगी। या शासन की योजनाओं को पलिता लगाने वालों को सीधे जैल की सलाखों के पीछे कैद करेगी।

क्योकि यह तो देश के प्रधान मंत्री जी की योजना थी। अगर इसका भी लाभ जनता को नहीं दिला सकते तो इन्हे किस के लिए सरकार ने रखा है। जनता की भलाई के लिए उनकी आत्म रक्षा के लिए ओर उनकी सुरक्षा के लिए या खुद की जरूरत पुरी करने के लिए सरकारी अधिकारी बना रखा है। जो खुद सरकार के माल की रक्षा नहीं कर सकते ओर सरकार के माल की खुले आम चोरी करने वालों का साथ दे रही है। उस पर डाका डाला गया है। ओर अधिकारी है की अपनी आँखो से कमीशन का काला चश्मा उतारने को तैयार नहीं है। वह तो अपनी ही प्रशंसा करवाने मे व्यस्त है तो कहा से देश को आत्मनिर्भर बनाने मे मजबूती दिलाएगा। क्योकि वह खुद कमजोर बन कर भ्रष्टाचारीयों की गोद में बैठे है। सोचने की जरूरत है मोदी जी।

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