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झाबुआ कलेक्टर श्रीमती सिंह ने समस्त जिले वासियो से आग्रह किया।

जन-जन को जोड़ें ’’श्री महाकाल लोक’’ के लोकार्पण समारोह से सभी को जोड़ा जाये।

झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर

झाबुआ जिला कलेक्टर श्रीमारी सिंह ने महाकाल मंदिर के लोकार्परण से पूरे झाबुआ जिले में हो आस्था से जुड़े समारोह की अनुगूँज को लेकर संदेश दिया की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्री महाकाल लोक के शिवार्पण के साक्षी बनेंगे हम सभी को जोड़े।

झाबुआ 10 अक्टूबर, 2022 “श्री महाकाल लोक“ का लोकार्पण समाज को एक दिशा में ले जाने का अद्भुत समारोह लोकार्पण दिवस के संध्या काल में श्री 11 अक्टूबर को उज्जैन मे आयोजित होगा। कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह के द्वारा बताया गया कि झाबुआ जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों में इसके संबंध में आवश्यक सभी व्यवस्थाएं की जाना सुनिश्चित की गई है।
श्री महाकाल लोक के लोकार्पण से सम्पूर्ण प्रदेशवासियों को वर्चुअली जोड़ने की व्यवस्था की जा रही है। जिलों के प्रमुख मंदिरों में टी.वी. स्क्रीन से आमजन को इस कार्यक्रम को देखने का अवसर मिलेगा। यह मध्यप्रदेश ही नहीं, संपूर्ण देशवासियों के लिए आस्था और सामाजिक एकता से जुड़ा महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। झाबुआ जिले में लोकार्पण कार्यक्रम का प्रसारण देखने के लिए यह वातावरण बनाए जाने के संबंध में बैठक भी आयोजित की गई थी जिसमें जिले के सभी पुजारीगण ,धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं जनप्रतिनिधि को उपस्थित किया गया था ओर उनको कार्य दिये गये है।

लोकार्पण समारोह की आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 11 अक्टूबर की शाम 6 बजे श्री महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में मनाया जाना है। इसके लिए जिलों में ऐसा वातावरण बनाए जाने के निरंतर कार्य किए जा रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग कार्यक्रम देख सकें। ग्राम के किसी एक मंदिर में सभी ग्रामवासी एकत्र होकर समारोह के सहभागी बनेंगे। शहरी क्षेत्र में वार्डों में भी प्रमुख मंदिरों में कार्यक्रम प्रसारण की व्यवस्था करने को कहा गया है।

ग्राम स्तर पर मंदिरों में 11 अक्टूबर को विद्युत साज-सज्जा हो। वाद्य यंत्र बजें, रंगोली सजाएँ, पताका लहराएँ और प्रसाद वितरण भी किया जाएँ। सभी लोग मंदिर प्रांगण में बैठ कर शंख और घण्टियाँ बजाते हुए कार्यक्रम में शामिल हों। देवस्थलों में दीप-मालाएँ जला कर रोशनी की जाए। बड़े मंदिरों में 10 और 11 अक्टूबर को अभिषेक और पूजन किए जाएँ। जिलों में भी जन-प्रतिनिधि सोशल मीडिया से आवश्यक प्रचार सुनिश्चित करें। अंचल के नागरिकों की अधिकतम प्रत्यक्ष भागीदारी हो। शिवार्पण कार्यक्रम में सीधे भागीदारी कर सकते हैं। इंदौर और उज्जैन संभाग के प्रत्येक जिले के विभिन्न समाज, धर्मों के गणमान्य नागरिकों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए। जनजातीय समाज को भी इससे जोड़ा जुड़ने के कार्यवाही की गई है। विभिन्न समाज और संस्थाओं के अध्यक्ष, पंचायत प्रतिनिधि, पार्षद, जनजातीय समाज के तड़वी, पटेल, पुजारी, आदि को आमंत्रित किया जाए। उज्जैन पहुँचने वाले नागरिक अपने ग्राम, नगर से जल लाकर उज्जैन के रूद्र सागर में समर्पित कर सकते हैं। रूद्र सागर का पुनरूद्धार किया गया है और यह विकसित परिसर का प्रमुख आस्था केन्द्र है।

श्री महाकाल लोक में परियोजना के कार्य पूरे कर लिये गये हैं। इस लोकार्पण समारोह की अनुगूँज राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए। यह समाज को जोड़ने का कार्य भी है। लोकार्पण के पूर्व स्वच्छता के लिए सभी एकजुट हों। प्रदेश में मंदिरों के परिसर स्वच्छ और आकर्षक बनाए जाएँ।

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