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किस तरह से और कैसे खाते है पंचायत के पैसे पूछो इन घुषखोरो से।

राशी निकालने के बाद भी नहीं हुआ निर्माण कार्य क्यो ? जनता करे सवाल

सीएम साहब झाबुआ जिले के कलेक्टर और एसपी को हटाने से भ्रष्टाचार खतम नहीं होगा जब तक ये नीचले वाले अधिकारी की जानकारी लो उसके बाद इस में शामिल लोगों पर करो कार्यवाही।और बताओ जनता को की उनके हक का पैसा कोई भी अधिकारी नहीं खा सकता है और खा भी लिया तो सरकार उससे निकला भी सकती हैं। सरकार बेवकूफ नहीं हैं।

झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर

जी हा हम बात कर रहे झाबुआ जिले की पेटलावद की जिसमे हर एक पंचायत में घोटाले हुए हैं जिसकी कोई सीमा नहीं हैं। ये उन बड़े पेट वाले नेताओं की मिली भगत से किया गया भ्रष्टाचर और जिनका साथ देकर इन अधिकारियों ने और नेताओं ने बड़े बड़े भंगले और गाड़िया खरीद ली है। जिसकी जांच की जाये तो सरा मामला समाने आ जाये।

खेर यह तो सरकार का मामला हैं की जांच करे या ना करे

हम बात कर रहे थे ग्राम पंचायत रायपुरिया की जहा पर शासन के विकास कार्यो की जहा खुल्ले आम विकास कार्यो मे मे किया गया है। एक तरफ तो शासन विकास के नाम पर करोडों रुपये खर्च कर रहीं हैं। पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रहीं हैं । जमीन पर विकास कार्य नहीं और काग़ज़ों पर ही विकास दिखाया जाता है। ओर पैसा हजम हो जाता हैं मगर कोई जांच नहीं होती की कार्य सही हुआ है या इस कार्य मे गबन हुआ है। ओर करोड़ो रुपये का खर्च बता कर बिल लगार पैसा निकल लिया जाता है। अभी जिस तरह झाबुआ जिले मे हो रहे चुनाव को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान चुनावी सभा के लिए आये थे ओर जिस तरह से भ्रष्टाचार को लेकर एक्शन मोड़ में दिखाई दिये थे ओर तुरंत कार्यवाही की गई थी। जैसा की आप सभी को ज्ञात होगा की कुछ दिन पहले जिले के कलेक्टर सोमेश मिश्रा को भ्रष्टाचार वह रिश्वतखोरी के मामले मे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल हटा दिया था साथ ही चेतावनी भी दी गई थी कि वे भ्रष्टाचार सहन नहीं करेगे l ओर हम अधिकारी इन जनता के पिछे है इनकी वजह से ही हम अधिकारी बने है इनकी सुरक्षा मे कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री से जानता करे सावल

जब जिले मे निचले स्तर पर ही इतना भ्रष्टाचार किया जा रहा है तो उन्हे क्यूँ बक्शा जा रहा है l क्या सीएम साहब की तरह जिले के अधिकारी तत्काल सज्ञान मे ले कर इन पर कार्यवाही क्यो नहीं करते क्या उन्हे कोई मना करता हैं की कार्यवाही मत करना । य उवन्हे कोइ धमकी दी जा रही हो जिससे की वाह किसी प्रकार से कोई कार्यवाही नहीं करते है।

क्या अधिकारी गांधी छाप के करण चुप है।

क्या इस क्षेत्र के अधिकारी इस तरह की कार्यवाही करेगे या गांधी छाप के आगे झुक कर नतमस्तक हो जायेगे। यह तो देखने वालीं बात होगी की भ्रष्टाचार का एक मामला ऐसा ही जनपद पंचायत पेटलावद की ग्राम पंचायत रायपुरिया में देखने को मिला है जहा पर वार्ड 16,17 से जोड़ने वालीं गटर कन्हैयालाल हरड़ के घर से नाले तक कि जिसकी लागत की जानकारी अभी तक नहीं हे जिसकी राशी 2,37,363 रुपये निकलने के बाद गटर निर्माण कार्य अभी तक नहीं हुआ यह राशी पंचायत चुनाव के पहले ही निकाल कर आहरण कर ली गई थी।

तो क्या कहता है नियम

नियम के अनुसार तो बिना निर्माण कार्य के राशी नहीं निकाल सकते हैं तो य़ह राशी केसे निकाल ली जनपद पंचायत में बेठे अधिकार, इंजीनियर धरातल पर बिना निर्माण कार्य देखे ही बिल जमा कर पास कर रहे है या अपने हिस्से को लेकर इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार करवा देते हेंl

इनका है यह कहना।

जब इस संबंध में ग्राम पंचायत सरपंच होमी नंदू निनामा से चर्चा की तो उनका कहना है इस बारे मे आप के द्वारा मुझे पता चला कि चुनाव के पूर्व ही राशि निकाल ली थी और निर्माण कार्य नहीं हुआ है में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवाकर इस मामले की पूर्ण रूप से जांच करायी जायेगी और दोषियों पर कार्यवाही भी की जाएगी।

झाबुआ जिले मे जब निचले स्तर पर ही भ्रष्टाचार करने वालो पर करवाई नहीं होगी तब तक इस जिले मे भ्रष्टाचार केसे खत्म होगा यह सोचने की बात है।

मामाजी क्या साबित करना चाहते थे इन चुनाव में

झाबुआ जिले के इन बड़े अफसर को हटा कर सिर्फ राजनीति चमकाना चाहते थे या सच में इन भरष्टाचारियों की लगाम खींचना चाहते थे।

क्या सीएम साहब या उनके जनप्रतिनिधि, नेता इस भ्रष्टाचार की जांच करवाकर उन पर सख्त से सख्त कार्यवाही करवाने की मंजूरी देंगे। या उन्हे युही छोड़ दिया जायेगा।

य़ह देखने वालीं बात है बाकी अगले अंक में….. इस क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायत की पोल खुलेगी आपके समाने ।

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