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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने चेताया, पत्रकार और न्यायाधीश दोनो स्तंभ लड़खड़ाएं तो होगा लोकतंत्र को नुकसान

मंदसौर से विक्रम सिंह राजपूत की रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण ने स्वस्तंत्र पत्रकारिता की जमकर वकालत की और आज के हालात पर भी चिंता व्यक्त की।
मुंबई प्रेस क्लब की और से आयोजित एक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,,,, आज के दौर में लोकतंत्र के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए पत्रकारों की स्वतंत्रता बेहद जरूरी है,,,, दोनो स्तंभों को अनिवार्य रूप से बिलकुल स्वतंत्र होना चाहिए, एक न्यायाधीश और दूसरा पत्रकार,,, ये दोनो जब भी स्वतंत्र नही होंगे हमारा लोकतंत्र लड़खड़ाएगा और अपनी आजादी खो देगा।
पूर्व न्यायधीश ने वर्तमान की दोनों स्तंभों की स्थिति पीड़ा को जाना भी है और समझा भी है,,,, पत्रकारों की स्तिथि तो और भी बेहद चिंतनीय है और देश के दिगज्ज और जाने माने पत्रकार या तो घर बैठ गए या बिठा दिए गए हैं,,, ये जमात जो बेबाकी, दबंगता और निर्भयता से कलम पकड़ती थी और आईना दिखाती थी, उसे तो लगभग कुचल दिया गया है, रौंद दिया गया है जो सत्य और हकीकत से वास्ता रखती थी,,,, इसमें तनिक मात्र भी संदेह नही कि इस जमात की दुर्दशा और हालात और भी बदत्तर होंगे,,, आनेवाले समय में सिर्फ चिंदीचोर, दुकानदार, ब्लैकमेलर और दलाल जो कि पत्रकार की जमात में नही आते, इनका ही का बोल – बाला होगा और ये स्तंभ अपनी दुर्दशा पर आंसू बहायेगा,,,, लेकिन स्तंभ के सच्चे सपूत स्तंभ की रक्षा के लिए सिर पर कफन बांधकर और कमर कसकर मैदान में कलम की धार को बरकरार रखे हुए हैं और इसे किसी भी कीमत पर झुकने नहीं देंगे और लोकतंत्र को भी सलामत रखेंगे।

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