👉 दलोदा से विक्रम सिंह राजपूत की रिपोर्ट
दलोदा | जैन समाज की आस्था एंव आराधना का प्रमुख तीर्थ झारखंड स्थित श्री सम्मेद शिखर महातीर्थ, जिसे देश की कैंद्र तथा झारखंड शासन द्वारा पर्यटक स्थल घोषित करने के विरोध में देश के तमाम जैन धर्मावलंबी आक्रोशित है। जहा देश के विभिन्न क्षैत्रो में समाजजनों द्वारा विरोध स्वरूप देश की कैंद्र तथा झारखंड शासन के नाम ज्ञापन थमाने का सिलसिला जारी है। इसी दौरान बुधवार को जिले के विभिन्न क्षैत्रो सहित दलोदा मे भी समाजजनों द्वारा जैन संत श्री मंगल मुनि जी मसा, श्री घनश्याम मुनि जी मसा, श्री अरिहंत मुनि जी मसा, श्री कौशल मुनि जी मसा, श्री अक्षत मुनि जी मसा के मुखारविंद से महामांगलिक के पश्चात श्री दलोदा तहसीलदार रश्मि श्रीवास्तव को तहसील कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री एंव झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इससे पूर्व समाज के महिला एवं पुरुष वर्ग नगर के प्रमुख मार्ग से होते हाथों मे तख्तियां थामे विरोध स्वरूप नारेबाजी के साथ दलोदा तहसीलदार रश्मि श्रीवास्तव को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन का वचन प्रवीण भंडारी द्वारा किया गया एवं बताया कि श्री सम्मेद शिखर महातीर्थ जैन समाज की आस्था से जुड़कर आराधना का प्रमुख केंद्र है। उक्त तीर्थ पर 20 तीर्थंकर भगवान एवं अनेकानेक भगवंत की पवित्र मोक्ष स्थली है। श्री सम्मेद शिखर महातीर्थ एक पवित्र स्थान है। जिसे कैंद्र तथा झारखंड शासन के द्वारा पर्यटक क्षेत्र घोषित किया गया है। जिसके कारण उक्त तीर्थ की पवित्रता भंग होगी। शासन के इस निर्णय की संपूर्ण जैन समाज घोर निंदा करता है। साथ ही संपूर्ण जैन समाज में शासन के उक्त निर्णय को लेकर रोष व्याप्त है। शासन को उक्त निर्णय को वापस लेते हुए इस पवित्र स्थान को पर्यटक क्षेत्र से हटाकर पुनः पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित करना चाहिए। इस दौरान सकल जैन समाज के प्रमुख जैन ध्वज लेकर जुलूस की अगवानी करते हुए चल रहे थे। जुलूस में बड़ी संख्या में दलोदा जैन समाज पुरुष, महिलाएं एवं बच्चो सहित विभिन्न समाजों के प्रमुख भी मौजूद रहे।