यूक्रेन और रूस के बीच 10वें दिन भी जंग जारी है. इस बीच, यूरोपीय देशों में बड़ा साइबर अटैक हुआ न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, इस अटैक के बाद यूरोप के कई शहरों के हजारों यूजर्स का इंटरनेट बंद हो गया सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने वाली कंपनी बिगब्लू के मुताबिक, उसके यूरोप, जर्मनी, फ्रांस, ग्रीक, इटली और पोलैंड के करीब 40 हजार यूजर्स में 15 हजार इंटरनेट बंद होने से प्रभावित हुए. जर्मनी और मध्य यूरोप में 11 गीगावाट के करीब 5,800 पवन टर्बाइन भी बंद हो गए |
यूटेलसेट, जो बिगब्लू की पैरेंट कंपनी है, उसने भी आशंका जाहिर की है कि ये यूजर्स भी वायसेट पर हुए अटैक से ही प्रभावित हैं. वायसेट अमेरिका की कम्युनिकेशन कंपनी है. अमेरिका में वायसेट ने कहा कि, साइबर अटैक के बाद से यूरोप में यूक्रेन और अन्य जगहों पर नेटवर्क आउटेज बना, जो इसके केए-सैट सेटेलाइट से जुड़े थे. हालांकि, वायसैट ने इस पर ज्यादा जानकारी नहीं दी है. कंपनी का कहना है कि पुलिस साइबर क्राइम के तहत मामले की जांच कर रही है |
24 फरवरी को भी वायसैट पर एक बड़ा साइबर अटैक हुआ था. इसकी वजह से फ्रांस में इसकी सहायक कंपनी नॉर्डनेट सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के करीब 9 हजार का इंटरनेट कनेक्शन बंद हो गया. ऑरेंज के अनुसार, 24 फरवरी को हुई साइबर अटैक के बाद ये यूजर्स इंटरनेट इस्तेमाल नहीं कर पाए. इधर, जर्मन मैन्युफैक्चरर एनरकॉन के मुताबिक, रूस के यूक्रेन पर हमले के पहले दिन यानी 24 फरवरी को शुरू हुई. एनरकॉन ने कहा कि आउटेज के चलते हजारों पवन ऊर्जा कन्वर्टर्स की निगरानी प्रभावित हुई. जिसके बाद जर्मनी और मध्य यूरोप में 11 गीगावाट के करीब 5,800 पवन टर्बाइन भी बंद हो गए. हालांकि, एयर टर्बाइनों के लिए ज्यादा खतरा नहीं है, लेकिन इन्हें रीसेट नहीं किया जा सकता |