ढोल की पोल व्यंग्य – कविता के आधार पर एक शिक्षक की मनोदशा का मार्मिक चित्रण किया गया है।

झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर

एक ऊर्जावान शिक्षक ने शाला में ज्वाइन किया स्कूल भवन को प्रणाम कर काम फाइन किया।
मन में बोले हर एक बच्चें को शिक्षित करूंगा विषम से विषम परिस्थितियों में भी मैं नहीं डरूंगा। शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार हुये है। तब ही प्रधान अध्यापक से नैना दो-चार हुये है। हेड मास्टर बोले बीआरसी से किताबें उठा लाओ और अभी गणवेश का नाप दर्जी को देकर आओ और हां कल जनशिक्षा केन्द्र पर तुम्हारी मीटींग है
शिक्षक ने कहा सर! ये तो बच्चों के साथ चींटींग है।
एच एम ने कहा क्या तुम्हारी ऊपर तक सेंटिंग है। नहीं तो तुम्हारे बाद भी यहां एक शिक्षक वेटिंग में है।
निराश शिक्षक सायकिल उठा कर चल दिया बच्चों को कैसे पढ़ाएं किसी ने नहीं हल दिया।
अगले दिन जब चाॅक और डस्टर उठाया पड़ोस का एक शिक्षक दौड़ते हुये आया बोले तुम्हारा नाम बीएलओ ड्युटी में आया है
जल्दी भागो एक बजे कलेक्टर में बुलाया है। घबराया शिक्षक भागते-दौड़ते चला जा रहा था
बीच-बीच में जनशिक्षक का भी फोन आ रहा है।

(जनशिक्षक ने कहा-) सभी बच्चों की मेपिंग और रजिस्ट्रेशन आज ही कर दो शाम तक डाक बनाकर जनशिक्षा केन्द्र पर जमा कर दो
संकूल प्राचार्य का फोन जब घनघनाया अगले ही दिन शिक्षक संकूल पर आया वे बोले तुम्हें हाई स्कूल के बच्चों को भी पढ़ाना है
अपनी शाला के बाद यहाँ भी नियमित आना है आदेश मिला कि कल एक और प्रशिक्षण है
और उसी दिन तुम्हारी शाला का भी निरीक्षण है प्रशिक्षण अधबीच में छोड़ शाला की और दोड़ लगाई
शिक्षक ने निरीक्षण कर्ता को अपनी व्यथा सुनाई विभाग से आया जरूरी फरमान पढ़ लो
जनगणना के साथ स्कूल सर्वे भी कर लो काम निपटाकर शिक्षक जब कक्षा में जाने लगा
चुनाव के बिगुल का शौर कानों में आने लगा अधिकारी बोले चुनाव में ड्यूटी तो करना ही हैं।
अवहेलना में सस्पेंड हुये तो समझो मरना ही है।
टेस्ट में बच्चों की दक्षता परखी जायेगी कमजोर निकले तो मारसाब आपकी नौकरी जायेगी।
बच्चों का समूह बनाकर उन्हें छांट लेना अंकूर, तरूण और उमंग में बांट देना ऑनलाइन वर्चुअल ट्रेनिंग अटेंड करके दिखाओ
वर्क बुक, ब्रिजकोर्स, एटग्रेट भरके दिखाओ शाला साफ रखना शिक्षक की जिम्मेदारी है। अब
बड़े साहब के स्वागत की बताओ क्या तैयारी है?
एक-एक बच्चें को ढूंढकर शाला में भर्ती कराओ एक घंटा पहले और एक घंटा बाद स्कूल से जाओ !

सुनो! बच्चों की स्वच्छता का ध्यान रखना उनसे पहले तुम मध्यान्ह भोजन चखना
विद्यार्थीयों के आधार और समग्र आईडी बनवा दो समय रहते शाला की रंगाई-पुताई भी करवा दो विद्यालय प्रांगण में पेड़ – पौधे गाड़ दो कक्षा में दिख रहे मकड़ी के जाले झाड़ दो।
पेयजल स्वच्छ और शौचालय गंदा न हो जेब से व्यय करो भले ही न फंड न चंदा हो।

अपनी उपस्थिति का फोटो नियमित डालते रहना
स्टाॅफ में अकेले हो चाहे, स्कूल संभालते रहना।
छात्रों को पकड़-पकड़ स्कूल लाना होगा पालको को भी बड़े प्रेम से समझाना होगा।
एन ए एस परिक्षा के पेपर तुम्हें ही करवाने है स्कूल के बाद वैक्सीन के टीके भी लगवाने है l और साथ में प्रौढ़ शिक्षा भी करवानी होगी
घबराये शिक्षक ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है
सुना है इसके लिए भी बहुत बड़ा कुछ लिया दिया है ll

मध्य प्रदेश के समस्त शिक्षकों को समर्पित झाबुआ जिला अध्यक्ष पत्रकार मीडिया परिषद् से चंद्रशेखर राठौर …………

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