वाह क्या न्याय हे कलेक्टर साब एक तरफ तो आप आदेश देते है ओर दूसरी ओर आपके हि अधिकारी उनकी दज्जिया उड़ाते है।
ओर पुनः आप उन्हे निर्देशित करते है।
झाबुआ से जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर
झाबुआ जिला महज हर क्षेत्र में कलेक्टर साहब की देख रेक है लेकिन वो कहते हे ना की अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता है वैसा हि नजर आ रहा झाबुआ जिले में एक ओर तो झाबुआ जिले के कलेक्टर महोदय सभी को निर्देशित करते हे की सीएम हेल्पलाइन का निवारण करे। आयुष्मान कार्ड बनाये जाये। समय सीमा का ध्यान रखे। टीकाकरण करवाए ,अंकुर,किसन फसल बीमा, रोजगार मेला, हर घर तिरंगा अभियान, यहा तक की हर छोटी बड़ी बात का ध्यान दिया जा रहा हैं उसके बाद भी ग्रामीणों को कई प्रकार की समस्याओ से गुजरना पड़ता है।
इसी तरह की एक झलक हम आपको बता रहे है।
महज 2014 से ग्राम पंचायत झकनावदा के पास स्कूल भवन निर्मित था। उसे ग्राम पंचायत के सदस्यो के द्वारा क्षतिग्रस्त करने की शिकायत कि गई थी लेकिन उसके बाद भी किसी प्रकार की सुनवाई नही हुई।
उसकी शिकायत की छाया प्रति सलग्न है।
तत पश्चात पुनः 08/07/15 को पुनः कलेक्टर महोदय को लिखित मे आवेदन दिया गया था। उस पर भी किसी प्रकार से कोई कार्य वाही नही की गई कलेक्टर महोदय के द्वारा। ओर स्कूल विभाग को पंचायत के समाने जुकने पर मजबूर कर दिया ओर वाहा की समग्री भी मांगी गई थी वह भी नहीं दिला पाई जिला प्रशासन।
हम आपको बता दे की इसकी खबर भी लगाई गई उसके बाद भी उस स्कूल भवन को तोड़कर पंचायत ने वहा पर दुकाने निकाल दी ओर वहा भी उन पंचायत के सदस्य ने नाही उन दुकानों की नीलामी की बल्कि अपने अपने हिस्से की दुकान ले ली गई वहा तक प्रशासन आँख बंद कर बैठा रहा ओर स्कूल विभाग कार्यवाही की मांग करता रहा।
मगर प्रशासन टस का मस नहीं हुआ क्या इतना कमजोर है जिले का प्रशासन। क्या बिका हुआ था झाबुआ जिले का प्रशासन या किसी प्रकार की कार्यवाही करने की कोशिश भी नहीं की गई।
इस पंचायत के खिलाफ आज से नहीं बल्कि महज कई सालों से शिकायत की जा रही हैं। लेकिन आज दिन तक किसी भी अधिकारी ने इस ओर मूड कर भी नहीं देखा।
कहते हे ऊपर वाला दे खाने को तो कोंन जाये कमाने को
यह कहावत इस गाव की पंचायत पर चरिथार्थ होती नजर आती है।
अभी भी इस पंचायत की समस्त जानकारी किसी प्रकार से पूर्ण नहीं हे अभी भी बताया जाता हैं की इस पंचायत मे करोड़ो रुपये की हेरा फेरी की गई है। ओर उसका हिसाब हि नहीं है।
इस पंचायत मे अभी त्री स्तरीय पंचायत के पहले भी यहा पर 2 मंत्रियो की फेर बदल की गई थी उनसे भी बात करने पर बताया गया है की इस पंचायत के जो 7 रजिस्टर होते हे उनका किसी प्रकार से पूर्ण नहीं है।
अब सावल यह उठता है की क्या पंचायत में किसी प्रकार का सर्वेक्षण नहीं किया जाता है।
अगर यह सब पंचायत मे होता है तो जो सब स्पेक्टर बनाया जाता है। तो वाह क्या गलत जानकारी देता है जिले में। जिसका जिला पंचायत को गलत जानकारी दी जा रही थी तो उनको भी पता नही चला।
जनपद पंचायत भी आँख बंद कर जानकारी ली जा रही थी
कहने को तो हर पंचायत के ऊपर जनपद पंचायत होती हैं जहा पर सीईओ होते है जो हर पंचायत की जानकारी जिला पंचायत को देते है तो उन्होंने भी किस आधार पर जानकारी दी होगी उसके बारे मे यह अधिकारी हि जाने की कैसे इन्होने काले कागज को भी सफ़ेद बनाकर ऊपर जमा किया होगा।
जब इस प्रकार से अधिकारी जिले मे होंगे तो कैसे वहा का विकाश हो सकता हैं
कहने को तो हर क्षेत्र में झाबुआ जिला के कलेक्टर अपनी अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे है तो अभी तक इन अधिकारियों पर कार्यवाही क्यो नहीं की गई।
आज दिनांक तक उन शिकायतो का निवारण नहीं कर पाये। और आज भी उस स्कूल भवन की जमीन पर पंचायत की दुकाने और आजीविका भवन बना दिया गया हैं। उसके बाद भी प्रशासन अभी तक इस जगह की जांच के लिए नहीं आये और ना हि उन शिकायतो पर कोई कार्यवाही की गयी और झाबुआ कलेक्टर कहते है की समस्त शिकायतो का 15 दिन मे निवारण होना चाहिए तो फिर आपके द्वारा इन शिकायतो पर कार्यवाही क्यो नहीं की गई।
क्या आपके पास शिकायत नहीं दी गई या आपको भीना बताये हि शिकायत पर आपके ऑफीस के लोगो उस फाईल को दबा दिया और आपको बताया हि नहीं।
अब देखना है की अब जिला कलेक्टर अपने देश और अपने जिले के लिए किस तरह से इन पर लगाम कसते है।