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वाह प्रदेश के मुखिया जी एक नजर जरा इधर भी आपकी भांजिया देश की शान तिरंगे को लेकर कीचड से गुजर रही है।

क्या सोच कर आपने इसे उप तहसील बनाई चलो किसी की सिफारिस से बन भी गई तो ऐसी होती है क्या उपतहसिल?

जहां पर मामा जी के भांजे– भांजियों को कीचड़ से होकर गुजरना पड़ रहा है उसके बाद भी यहा के अधिकारी मोन है।

झाबुआ से चंद्रशेखर राठौर

पेटलावद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली इस ग्राम पंचायत ने तो अपनी सरी हदे ही पार कर दी। जो की पूरे झाबुआ जिले में फेमस हो चुकी है की भ्रष्टाचार के मामले मे इस ग्राम पंचायत ने कई आयाम प्राप्त कर लिए है ओर अधिकारी है की उनपर अपनी रेहमत बरत रहे है। क्योकि इस कोयले की खदान की खुदाई मे उनके भी हाथ काले नजर आ रहे है। चलो जानते है इस ग्राम पंचायत के बारे में।

झकनावदा–जी हां हम बात कर रहे हैं पेटलावद तहसील के अंतर्गत आने वाली उप तहसील झकनावदा की जहां पर आज 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर मामा के भांजे– भांजीयो को प्रभात फेरी मे कीचड़ से होकर गुजरी है। यहां पर पेटलावद राजगढ़ रोड की स्थिति इतनी भयावह है कि। यहां पर दोपहिया वाहन अगर गुजरते हैं। तो वह यहां गिरे वहां गिरे जैसी स्थिति में होते हैं। और पैदल चलना तो दुश्वार है। कहने का मतलब यह है कि यह पेटलावद-राजगढ़ रोड पुलिया से लगाकर खेड़ापति हनुमान जी तक इतनी जर्जर स्थिति में हो चुका है। कि यहां पर बरसात में बहुत ज्यादा स्थिति खराब हो जाती है लोगों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है चारों तरफ कीचड़ ही कीचड़ दिखाई देता है। और आए दिन वाहन यहां फिसल कर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। और अभी आलम यह है कि चारों तरफ धूल के गुब्बार उड़ रहे हैं। और लोगों को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और एलर्जी का शिकार होना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि क्या एक उप तहसील का विकास ऐसे होता हैं? तो नहीं चाहिए ऐसी उप तहसील हमें क्योंकि उप तहसील के पहले ही अच्छा था। कम से कम इस रोड की स्थिति तो अच्छी थी। क्या मामा जी के राज में ऐसे होता है। विकास? यूं तो प्रदेश के मामा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को लेकर कहते रहते हैं कि मैंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए इतना पैसा मंजूर किया है वहां यह दिया वहां यह दिया उसके बाद भी धरातल पर कुछ ऐसा दिखाई नहीं देता है। झाबुआ दौरे के समय लोक निर्माण विभाग मंत्री गोपाल भार्गव को ज्ञापन देने के बाद, भी स्थिति ज्यों की त्यों है। झकनावदा दौरे के समय कलेक्टर महोदया को भी अवगत करवाया गया। उसके बाद भी आश्वासन के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं हुआ। इसके अलावा सड़क लोक निर्माण विभाग एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों को भी कई बार आवेदन दिए गए। एवं कुछ जागरूक ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी इसकी शिकायत की उसके बाद भी निष्कर्ष इसके एवज में 0 बटे सन्नाटा मिला।यह ग्रामीण क्षेत्र उप तहसील होने के बावजूद भी आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं का रोना रो रहा है। उसके बाद भी यहां पर धरातल पर कुछ ऐसा विकास नहीं दिखाई दे रहा है। कई बार यहां के स्थानीय पत्रकारों ने मीडिया के माध्यम से आवाज उठाई उसके बाद भी आज तक शासन-प्रशासन की कानों में जूं तक नहीं रेंगी। और आज भी झकनावदा– राजगढ़ रोड अपनी किस्मत का रोना रो रहा है।

पेटलावद– राजगढ़ रोड इधर रतलाम और उधर धार जिले को जोड़ता है। निकलते हैं सैकड़ों वाहन

पेटलावद राजगढ़ रोड एक तरफ रतलाम और दूसरी तरफ धार, इंदौर से सीधा संपर्क करवाता है। इस कारण से इस रोड से सैकड़ों वाहन दिन-रात निकलते हैं। उन वाहनों को भी निकलने में बहुत सारी समस्याएं आती है। उप तहसील होने के कारण अपने निजी कामों को लेकर यहां पर लोगों का आना-जाना अधिक होता है। रोड पर कीचड़ एवं बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण ट्रैफिक जाम होने की स्थिति पैदा हो जाती है। इस रोड से दिनभर न जाने कितने अधिकारियों की गाड़ियां आती जाती है। बावजूद इसके भी उनका भी इस और कोई ध्यान नहीं है।

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