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पेटलावद तेरापंथ भवन में हुआ साध्वीश्री जी का मंगल प्रवेश के साथ चतुर्मासिक और समाजजनो ने हर्षो उल्लास से मनाए कार्यक्रम।

पेटलावद से राहुल प्रजापत की रिपोर्ट

पेटलावद। चतुर्मास मे ज्ञानाराधना व त्याग -प्रत्याख्यान की चेतना जगाकर चतुर्मास क़ो सार्थक बनाया जा सकता हैँ। अपने भीतर की हिम्मत बटोरकर तपस्या व ज्ञान का अर्जन करे.।
उक्त आशय के उद्गार श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ के 11वे अनुशास्ता युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या शासनश्री साध्वीश्री मधुबालाजी ने अपने चतुर्मासिक प्रवेश के अवसर पर तेरापंथ भवन मे श्रावक-श्राविकाओं के समक्ष व्यक्त किए।

आपने कहा कि मालवा तेरापंथ धर्मसंघ के सातवें आचार्य श्री डालगणी की जन्मभूमि है जो कि एक तेजस्वी आचार्य थे ।उनका अपना एक महान व्यक्तित्व था। चतुर्मास के संदर्भ में आपने कहा संत समागम बहुत मुश्किल से मिलता है। सबको मिलकर चोमासे की नींव को मजबूत बनाना है और आचार्य महाश्रमणजी का स्वप्न है कि अधिक से अधिक मुमुक्षु (दीक्षार्थी)तैयार हो। गुरुदेव के सपनों को साकार करने में सब को यथोचित रूप से अपना योगदान देना है।
आज अपने गुरु आचार्य महाश्रमण जी की कृपा और उनकी ऊर्जा से मैं उनके वचनों को पूरा करते हुए अपने चतुर्मास क्षेत्र में आ गई हूं, इसका मुझे बहुत संतोष है

इस अवसर पर साध्वी श्री विज्ञान श्रीजी ने कहा जिस प्रकार किसान बारिश की प्रतीक्षा करता है उसी तरह श्रावक-श्राविकाएँ चतुर्मास के समय की प्रतीक्षा करते हैं।
यह समय प्रकृति के साथ हमारे मनुष्य के दिलों को भी सर सब्ज बना देता है। आप लोग शब्दों के स्वागत के साथ त्याग और ज्ञान से अपनी झोली को भरें।
इस अवसर पर साध्वी श्री सौभाग्यश्रीजी व साध्वीश्री मंजुलयशाजी ने रोचक नवीन विधा से धर्मसंघ के अवदानों प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, अणुव्रत और त्याग तपस्या रूपी प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करते हुए सुंदर प्रस्तुति दी।

चतुर्मासिक प्रवेश से पूर्व साध्वीवृन्द ने पारसमल पटवा के निवास स्थान से प्रातः विहार किया। एक जुलूस के रूप में आप तेरापंथ भवन पधारे।

जुलूस में पेटलावद की समस्त जैन समाज जुड़े रहे।

तेरापंथ समाज पेटलावद जैन समाज से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी, महावीर समिति अध्यक्ष संजय चाणोदिया, वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ अध्यक्ष अनोखीलाल मेहता ,मूर्तिपूजक समाज से सुरेन्द्र मेहता, दिगम्बर समाज से चिंतन मंडलोई, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्व जिला संघचालक मुकुट चौहान, जिला कार्यवाह आकाश चौहान, सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता, डॉ एस.के. महाजन, जीवदया समिति अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल तथा आसपास के क्षेत्रों से श्रावक-श्राविकाएँ गणवेश में जुलूस में सम्मिलित हुए। पूरे मार्ग में श्रद्धालु विभिन्न नारे लगाते हुए चल रहे थे।
सर्वप्रथम साध्वीवृंद के नमस्कार महामंत्रोच्चार से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ कन्यामंडल, ज्ञानशाला के बच्चों तथा तेरापंथ युवक परिषद ने स्वागत कार्यक्रम में सुंदर प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष मनोज गादिया, तेरापन्थ महिला मंडल अध्यक्ष अनिता मूणत, वरिष्ठ श्रावक राजेंद्र कटकानी, वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ के अध्यक्ष अनोखीलाल मेहता, तेरापंथी सभा कोषाध्यक्ष रितेश निमजा, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष पंकज मूणत, तेरापंथी महासभा के आंचलिक प्रभारी दिलीप भंडारी, तेरापंथी महासभा क़े कार्यकारिणी सदस्य रमणलाल कोटडिया (रायपुरिया), पंकज कोठारी (झाबुआ), ज्ञानशाला क्षेत्रीय सहयोगी पुष्पा पालरेचा, फूलचंद कांसवा, अरुण श्रीमाल (करवड़), मुक्ता मुणत, सोनू पटवा, सारिका मूणत, दीपा मूणत, एनी पटवा, तेयुप मंत्री पंकज जे पटवा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष सचिन मूणत, आश्का भंडारी आदि ने गीत, मुक्तक, भाषण आदि विधाओं से साध्वी वृंद का भावपूर्ण स्वागत किया, कार्यक्रम का संयोजन तेरापंथी सभा के मंत्री राजेश वोरा ने किया तथा आभार ज्ञापन तेरापंथ सभा के सह मंत्री पंकज पी. पटवा ने किया।
तपस्या प्रत्याख्यान से स्वागत
साध्वी वृन्द के प्रवेश के साथ श्री अशोक श्रीमाल ( करवड) ने पांच उपवास की तपस्या का प्रत्याख्यान कर साध्वीवृन्द का स्वागत किया।

आज के कार्यक्रम में आसपास के क्षेत्रों से विभिन्न श्रावक-श्राविकाएँ उपस्थित रहे

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