झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर
झाबुआ जिले मे जिला सरकार बनाने के लिये दोनो दलो मे शह ओर मात का खेल चला अंत मे कांग्रेस ने बाजी मारी ?
प्रदेश के साथ झाबुआ जिले मे भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सभी चरण संपन्न हो गये है। जिले मे जिला पंचायत में जिला सरकार बनाने के लिये दोनो दलो के पास छह छह सदस्य मौजुद थे। दो सदस्य निर्दलीय जीत कर आये थे इस प्रकार 14 के हाउस मे कांग्रेस ओर भाजपा मे जिला सरकार बनाने को लेकर शह ओर मात का खेल आखरी दम तक चलता रहा। अंत मे एक बार फिर बाजी कांग्रेस ने मार ली। ऐसा क्यो ओर कैसे हुआ इस बात का विश्लेषण करने पर चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहे है। जो राजनीति की अस्थिरता को प्रदर्शित करते है।
इसी प्रकार जिले की छह जनपदो मे भी दोनो प्रमुख राजनैतिक दलो मे शह ओर मात का खेल अंक गणित के मान से चलता रहा जिला पंचायत की तर्ज पर झाबुआ जनपद मे दोनो दलो के पास 10- 10 सदस्य मौजुद थे लडाई बराबरी की थी परंतु करीबन 28 – 30 के पश्चात पहली बार भाजपा ने कांग्रेस को जिला मुख्यालय की जनपद पर मात देकर अपना अध्यक्ष बना लिया। इस प्रकार भाजपा ने अपना कब्जा कर लिया। यहा भाजपा ने बाजी मारी।
प्रदेश मे सत्तारुढ भाजपा जिला सरकार बनाने मे क्यो पिछड गई ?
झाबुआ जिले मे जिला सरकार बनाने के लिये 14 वार्ड मौजुद है जिसमे एक वार्ड सामान्य वर्ग के लिये आरक्षित बाकी एस टी वर्ग के लिये आरक्षित थे। जिले मे 14 वार्डो मे हुए निर्वाचन मे भाजपा छह स्थानो पर विजय हुयी ओर इसी प्रकार कांग्रेस भी 6 स्थानो पर विजय हुयी तथा दो सदस्य निर्दलीय विजय होकर आये जिला सरकार बनाने मे इन दो सदस्यो की अहम भूमिका थी। जो दल इन दो निर्दलीय सदस्यो को अपने पक्ष मे साध लेगा उसी की सरकार बनेगी। इसके लिये दोनो दलो ने एडी चोटी का जोर इन दोनो सदस्यो को अपने कब्जे मे करने के लिये लगाया परंतु अंत मे ये दो सदस्य भाजपा के पाले मे आते आते कांग्रेस के पाले मे चले गये इसके लिये भाजपा का मेनेजमेंट सही नही होने के कारण बताया जा रहा है तो दुसरा कारण प्रदेष अजजा मोर्चे के प्रदेष अध्यक्ष एवं थांदला क्षैत्र के पूर्व विधायक कलसिंह भाभर के क्षेत्र मे पांच जिला पंचायत सदस्यो के निर्वाचन मे भाजपा का एक भी सदस्य निर्वाचित न होना माना जा रहा है।
विश्वसनीय सुत्र से मिली जानकारी के अनुसार दो निर्दलीय सदस्य भाजपा के पक्ष मे मतदान करने को तैयार थे परंतु इनकी मांग अनुसार उनकी पूर्ति आखिरी समय तक नही किये जाने पर वह भाजपा से दूर हो गये। बताया जाता है कि कांग्रेस के अदंर भी बगावत की स्थिति 6 सदस्यो मे से कुछ सदस्यो मे थी क्योकि कांग्रेस के एक वरिष्ठ सदस्य इसलिये नाराज थे कि उन्हे पूनः अध्यक्ष का दावेदार नही बनाया गया इसलिये राजनैतिक गलियारो मे चर्चा है कि उसने भाजपा के पक्ष मे मतदान करने की ठान ली थी परंतु ये चौकाने वाला तथ्य है कि भाजपा के 6 सदस्यो मे से 1 सदस्य ने भाजपा के खिलाफ वोटिंग कर कांग्रेस के पक्ष मे मतदान किया है इस प्रकार की चर्चा प्रशासनिक गलियारो से लगाकर राजनैतिक गलियारो मे व्याप्त है।
छह जनपदो मे से दो जनपद भाजपा क्यो हारी ?
झाबुआ जिले मे 6 जनपद स्थित है जहा निर्वाचन हुए है। अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष केे निर्वाचन मे जिले की 6 जनपदो मे जो स्थिति सामने आयी है वह भी चौकाने वाली है। इस चुनाव के पूर्व जिले मे भाजपा का छह जनपदो मे से रामा, मेघनगर, रानापुर, पेटलावद मे कब्जा था वही कांग्रेस का कब्जा थांदला, ओर झाबुआ मे था। परंतु इस चुनाव मे बडा उलटफेर यह हुआ कि भाजपा ने बरसो से झाबुआ जनपद जो कांग्रेस के कब्जेे मे थी 11- 9 से जीत ली। ओर भाजपा का कब्जा हो गया ओर इसी प्रकार थांदला जनपद मे भी कांग्रेस का कब्जा था वहा भाजपा ने अपना कब्जा जमा लिया परंतु कांग्रेस से छिनी ये दो जनपदे भाजपा के कब्जे मे आ गयी तो वही भाजपा के कब्जे वाली दो जनपदे कांग्रेस ने अपने कब्जे मे ले ली वह है रामा ओर मेघनगर रामा जनपद के बारे मे कहा जाता है कि यह जनपद इस क्षैत्र के दो दिग्गज आदिवासी नेता के अंहकार ओर अनदेखी का शिकार बनी जिसके कारण कांग्रेस ने यहा पर अपना कब्जा जमाया तो दुसरी ओर मेघनगर जनपद जो भाजपा के कब्जे वाली थी वहा पर भाजपा की आपसी गुटबाजी व उस क्षैत्र के प्रदेषीक नेता के बालक की भूमिका के कारण मेघनगर की जनपद भाजपा की झोली मे से झटकर कांग्रेस की झोली मे चली गयी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे भाजपा संगठन का प्रदर्शन अच्छा रहा?
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे जिले की 375 ग्राम पंचायतो मे भाजपा समर्थित सरंपचो का सर्वाधिक संख्या मे जीतकर आना भाजपा संगठन के लिये शुभ संकेत है वही भाजपा संगठन की सफल नीति के चलते पिछली बार भाजपा की झोली मे 4 जिला पंचायत सदस्य ही जीतकर आये थे इस बार 6 की संख्या प्राप्त की दो सदस्य इस बार अधिक जीते यदि थांदला विधानसभा की पंाच जिला पंचायत वार्डो मे से दो या तीन सदस्य भी भाजपा के जीत जाते तो जिला सरकार भाजपा की बन सकती थी। इस विषय पर सभागीय एवं प्रदेष नेत्तव को गंभीरता से विचार करना चाहिए कि थांदला विधानसभा क्षेत्र मे भाजपा प्रदेष संगठन के एक नही दो दो पदाधिकारी नियुक्त किये गये है उसके उपरंात थांदला विधानसभा क्षेत्र मे पांच जिला पंचायत वार्ड मे से एक भी भाजपा का सदस्य नही जीतना इन दोनो प्रदेश पदाधिकारीयो की स्थिति को स्पष्ट करता है। वही रामा जनपद क्षेत्र मे क्षैत्रीय सांसद ओर पूर्व राज्यमंत्री रही निर्मला भुरिया का कार्यक्षैत्र है इन दोनो के अंहकार की लडाई मे रामा जनपद हाथ से चली गयी है इस पर भी प्रदेष नेतत्व को समीक्षा करना चाहिए कि ऐसा क्यो हुआ ?
गैस अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड का प्लांट होने के बाद भी झाबुआ को उसकी सुविधा क्यो नही ?
झाबुआ जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर गेलहर ग्राम मे स्थित गेस अथारिटी ऑफ इंडिया का कम्प्रेशर प्लांट स्थित है परंतु इस आदिवासी अंचल को ओर यहा की जनता को इसका लाभ नही मिल रहा है। जबकि आदिवासी अंचल मे गैस आधारित उद्योगो की सरंचना खडी की जा सकती है जिससे क्षैत्र का औद्योगिक विकास होगा ओर यहा के बेराजगार युवाओ को रोजगार मिलेगा।
तो दुसरी ओर झाबुआ जिला मुख्यालय के शहर को यदि इस प्लांट से पाइप लाइन बिछाकर जोड दिया जाता है ओर गैस की सप्लाय घर घर पाइप लाइन से की जाती है तो एल पी जी गैस का झंझट मिट जायेगा ओर एक नई सुविधा की सौगात झाबुआ वासीयो को मिल जायेगी। यह सब केद्र मे भाजपा के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गैस एवं उर्जा मंत्री की कृपा से ही यह सब कार्य यहा होना संभव है। केन्द्र सरंकार ओर क्षैत्रीय सांसद इस ओर ध्यान दे ?
तिरंगा यात्रा ?
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री के आहवान पर संपूर्ण देश के साथ प्रदेष एवं झाबुआ जिले मे ओर झाबुआ जिले के प्रत्येक नगर मे तिरंगा यात्राओ का आयोजन जहा प्रषासनिक स्तर पर तो वही निजसंस्थाओ द्वारा तथा धार्मिक एवं सामाजिक संगठनो द्वारा व राजनैतिक दलो के द्वारा तिरंगा यात्रा को लेकर जनता के बीच जबरदस्त माहौल बनाया जा रहा है यात्रा बनाकर निश्चित रुप से आजादी के अमृत महोत्सव के पुनीत अवसर पर घर घर तिरंगा फहराने का यह अनुठा आयोजन जनता जनार्दन का कोतुहल का विषय बना हुआ है ओर हर कोई राष्टभक्त नागरिक अपने घरो पर 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराने की तैयारीयो मे जुटा हुआ नजर आता है जिला प्रषासन ओर पुलिस प्रषासन के मुखिया भी इस आयोजन को सफल बनाने मे कोई कसर नही छोड रहे है।
मेघनगर नगर पंचायत परिषद मे भाजपा का कब्जा तय
झाबुआ जिले की एक मात्र नगर पंचायत परिषद जहा चुनाव मेघनगर मे हुए थे उसके 15 वार्डो मे से भाजपा ने 8 वार्ड पर विजय प्राप्त कर पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लिया है। 10 अगस्त को सूत्रो से मिली जानकारी अनुसार नगर पंचायत परिषद मेघनगर के अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव संपन्न हो जायेगे। जिला भाजपा संगठन की ये भी बहुत बडी जीत है।
और अंत मे
झाबुआ नगर सहित जिले मे तेज बारिश की दरकरार अभी भी बनी हुयी है। क्योकि जिले के अधिकाष जलाषय धरमपुरी गुलाबपुरा तालाब धमोई अनास मोदसागर माही डेम अभी लबालब नही हुए है यही स्थिति जिले के तालाबो ओर कुओ की बनी हुयी है इसलिये तेज बारिष की इंतजार मे आम मानस अभी भी आकाष की ओर टकटकी लगाये हुए देखता हुआ नजर आता हैं।