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रजिस्ट्री नामांतरण बंटवारे के लिए भटकते किसान नहीं होते समय पर नामांतरण बटवारे के आदेश

#रजिस्ट्री नामांतरण में हो रही लापरवाही को लेकर मंदसौर कलेक्टर महोदय विशेष कर देवें सीतामऊ पर ध्यान!

जनप्रतिनिधियो को देना चाहिए किसानों की ओर ध्यान

जगदीश चंद्र चौहान

सीतामऊ तहसील कार्यालय में किसानों एवं व्यापारियों द्वारा अपनी कृषि भूमि या प्लाट की रजिस्ट्री करवाकर स्वयं ऑनलाइन रजिस्ट्री नामांतरण के लिए चालान कटवाकर संबंधित तहसीलदार के समक्ष पेश की जाति हैं लेकिन कई दिनों तक अलमारी में दफन रहती हैं फईले किसानों द्वार कई बार चक्कर लगाने पर भी नहीं होते है रजिस्ट्री ना नामांतरण जब किसान खुद तहसीलदार के समक्ष पेश होते हैं अपने नामांतरण रजिस्ट्री बटवारा इंदिरा दुरुस्ती जैसे नामांतरण को लेकर तो महीनों से पेंडिंग पड़ी रहती हैं पटवारी समय पर रिपोर्ट नहीं लगाते हैं आखिर क्या कारण जबकि शासन द्वारा नामांतरण बंटवारे इंद्रा दुरुस्ती के आवेदनों को समय सीमा में निपटाया जाए लेकिन किसानों द्वारा लगाए गए आवेदन ही अलमारी में धूल खाते हुए दिखाई देती हैं अगर वही रजिस्ट्री बटवारा नामांकन पटवारी के मार्फत करवाया जाता है तो 15 से 20 दिन में नामांतरण बंटवारा कैसे हो जाता है क्या कारण है जब किसान की अपनी पुश्तैनी जमीन का माता पिता के गुजरने के बाद फोती नामांतरण होता है उसमें भी कई महीने गुजर जाते हैं लेकिन समय पर फौती नामांतरण नहीं किया जाता जिससे किसानों को कृषि योजना का लाभ एवं केसीसी खाद बीज लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि केसीसी हो या सोसाइटी या शासन द्वारा उद्यानिकी कृषि विभाग से कोई भी योजना शासन द्वारा आती है तो वह लेने में असमर्थ रहता है क्योंकि मृत व्यक्ति के नाम रिकॉर्ड दर्ज रहता हैं समय पर मृतक नामांतरण नहीं होता है जिससे कई सारी समस्या पैदा होती है किसानों के साथ लेकिन इस पीड़ा को क्षेत्र के जनप्रतिनिधि को भी कई बार अवगत करा चुका हूं क्षेत्र के विधायक एवं नवीनीकरण कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह डंग इस विषय को गंभीरता से नहीं लेते हैं एवं क्षेत्र के किसान मोर्चा युवा मोर्चा पिछड़ा मोर्चा एवं जनपद जिला पंचायत प्रतिनिधि को किसानों के हित को देखते हुए समय पर किसानों के नामांतरण बंटवारो के लिए आवाज उठानी चाहिए लेकिन जनप्रतिनिधि भी नहीं दे रहे ध्यान क्या जनता से सिर्फ वोट ही लेना रहता है उनकी समस्या नहीं दिखती आज ऐसा ही मामला नायब तहसीलदार कोर्ट में देखने को मिला है जिसमें क्रेता विक्रेता को बार बार बुलाया जाता है फिर भी समय पर नामांतरण नहीं होता है जिससे आक्रोश में आकर किसानों ने अपने नामांतरण को लेकर एसडीएम संदीप सिवा के समक्ष पेस होकर किसानों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया अब देखना है कि एडीएम संदीप शिवा रजिस्ट्री नामांतरण इंदिरा दुरुस्ती बटवारा जैसे आवेदनों पर क्या एक्शन लेते हैं समय पर होते है या नहीं

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