Uncategorized

किसान समुदाय की आजिविका उन्नयन के लिये कृषि और संबद्ध क्षेत्रकों द्वारा रणनीतीक नियोजन कृषक संगोष्ठी का आयोजन” किया गया।

“खेती किसानी में उन्नत तकनीक और उद्यमिता विकास के लिये कृषि और संबद्ध विभाग के विशेषज्ञ किसानों से हुऐ रूबरू” चर्चा।

झाबुआ से चंद्रशेखर राठौर

झाबुआ 6 सितम्बर, 2023 खेती के क्षेत्र में किसान समुदाय की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने और आय वृद्धि के लिये ग्रामीण विकास विभाग, आजिविका मिशन नाबार्ड, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्यपालन, बैंकर्स, मनरेगा, कृषि विज्ञान केन्द्र जैसे ग्रामीण अर्थ व्यवस्था से संबद्ध क्षेत्रकों के अधिकारीयों की विगत समय से जिला कलेक्टर तन्वी हुड्डा द्वारा नियमित रूप से साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है। जिला कलेक्टर द्वारा विगत बैठक में ग्रामीण सरोकारो से संबधित समस्त विभागों को समस्त विकासखण्डों में किसानों और ग्रामीणजनों की संगोष्ठीयां आयोजित करने के निर्देश दिये गये कृषिगत क्षेत्रकों के टिकाउ और समन्वित विकास के लिये किये जा रहे सतत् प्रयासो की कड़ी में रानापुर और रामा विकासखण्डों में कृषक संगोष्ठीयों आयोजित हुई।

रामा और रानापुर विकासखण्ड जिले की भौगोलिक और कृषि जलवायवीय परिस्थितियों में अपना विशिष्ट स्थान रखते है। यहां पर्यावरण सरक्षणीय खेती किसानी के लिये पर्याप्त अवसर सुलभ है। क्षेत्र के किसानों में प्रकृति के प्रति निकटता और इसके संवर्धन का भाव भी जीवन्त है। जनपद अध्यक्ष श्रीमती निर्मला भानू भूरिया ने बड़ी संख्या में कृषक संगोष्ठी में सहभागिता करने वाले महिला पुरुष किसानों को संबोधित करते हुऐ व्यक्त किया।

जिले के उप संचालक कृषि एन. एस. रावत ने कृषको को संबोधित करते हुए कहा कि अंचल में फसलों की विभिन्नता और विविधता भी सदियों से विद्यमान है। किसान समुदाय में खेती किसानी की बारिक समझ का पारम्परीक बौद्धिक ज्ञान भी है। बदलते हुऐ आर्थिक और सामाजिक परीवेश में आवश्यकता इस बात की है कि किसान परम्परागत उन्नत ज्ञान के साथ-साथ किसानी के एक से अधिक उद्यमों से एकीकृत स्वरूप में जुड़कर अपनी आय में वृद्धि की ओर लगातार अग्रसर हो किसानों को फसलों की जलवायु सहिष्णु नवीनतम किस्मों का चयन करना चाहिऐ मिलेट्स फसलों और प्राकृतिक उपज की बढ़ती हुई मांग को ध्यान में रखते हुए जिले के किसानों को अपनी खेती की योजना में समुचित परिवर्तन करने की आवश्यकता है।

पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉ. विल्सन डॉवर ने खेती किसानी में पशुपालन, बकरीपालन, मुर्गीपालन की महत्ता को समझाते हुए कहा कि क्षेत्र में पशुपालन खेती का अभिन्न अंग रहा है और हमे इस व्यवस्था को सूझबूझ से आगे बढाने के लिये प्रतिबद्ध होना चाहिये । उन्नत पशुपालन की वैज्ञानिक बारिकीयों से किसानों को अवगत कराते हुऐ शासन द्वारा पशुओं की आकस्मिक बीमारी की स्थिति में पशु एम्बुलेंस सुविधा के बारे में विस्तार से बताया। पशुओं के आकस्मात बीमार होने की स्थिति में 1962 निःशुल्क फोन नम्बर पर सूचना देने की सुविधा का लाभ लेने का आग्रह किया।

बड़ी संख्या में उपस्थित महिला-पुरूष किसानों को जिले के प्राकृतिक खेती मास्टर ट्रेनर गोपाल मुलेवा ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं के बारे में किसानों को व्यावहारिक समझाईश दी गई। मुलेवा ने खरीफ की फसलों के प्रबंधन के साथ-साथ रबी मौसम की कार्ययोजना बनाये जाने के लिये तकनीकी बारिकीयों से किसानों को सुपरिचित कराया। ब्लॉक टेक्नालॉजी मेनेजर संतोष पाटीदार ने प्राकृतिक खेती अपनाने के लिये प्रारंभ से लगाकर सम्पूर्ण पद्धति के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से किसानो को समझाईश देते हुऐ व्यवहारिक बोध कराया।

गोष्ठी के दौरान महिला कृषक कमला ईन्दर, संगीता खराडी तथा पुरूष कृषक झितरा सोमला, कमेश डामोर, कमलेश अमरसिंह ने अपने खेतो पर अपनाई जा रही मिलेट फसलों के साथ-साथ प्राकृतिक खेती के लाभ और उत्साहजनक परिणामों के अनुभव किसानों के साथ साझा किये।

उद्यानिकी विभाग के डी. एस. बामनीया और चौबे ने अंचल में उगाई जा रही सब्जी, फल फसलों के साथ-साथ हल्दी,अदरक, धनिया, मिर्च जैसी मसाला फसलें, ब्राह्मी, एलोवेरा, लेमन ग्रास जैसी सुंगधित और औषधीय फसलों की खेती के बारे में किसानो को समझाईश दी गई।

आजिविका मिशन के संजय सोलंकी ने महिला कृषकों और समूहो के माध्यम से संचालित गतिविधयों और उनके उत्तरोत्तर उन्नयन के बारे में प्रेरणादायी उद्बोधन देते हुए उत्पादन के साथ-साथ मूल्य संर्वधन और बेहतर दाम पर विपणन व्यवस्था बनाये जाने पर जोर दिया। रामा विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ज्वाला सिंगार द्वारा क्षेत्र के किसानो द्वारा अपनाई जा रही प्राकृतिक खेती और मिलेट फसलों की काश्त के बारे में विस्तार से अवगत कराते हुऐ प्रयासो और भावी योजना की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम का संचालन गोपाल मुलेवा तकनीकी सहायक द्वारा किया गया। कृषकों की जिज्ञासाओ का समाधान करते हुऐ सहायक संचालक कृषि एस.एस. रावत, उप परियोजना संचालक आत्मा एम.एस. धार्वे ने मिलेट्स की खेती आधारित कृषक परिचर्चा की संयुक्त रूप से सूत्रधारिता की। कृषक संगोष्ठी के अंतिम चरण में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी रानापुर अमरसिंह खपेड ने आभार प्रदर्शन किया किसान संगोष्ठी में रामा रानापुर विकासखंडों का समस्त कृषि विभागीय अमले द्वारा कार्यक्रम आयोजन में सक्रिय सहभागिता की गई।

Disha Express Is A India's Best National News And Advertisement Network.

What's your reaction?

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *