लाडली बहना के नियम के विरुद्ध जाकर ई केवाइसी के व फार्म के लिए जा रहे है पैसे।
क्या है यह मामला देखिये इस खबर मे।
झाबुआ से चंद्रशेखर राठौर
झाबुआ प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के द्वारा माता बहनो के लिए अभी जो योजना प्रारम्भ की गई है उसको लेकर बहुत परेशान हो रही है ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएँ। कुछ अपडेट सामने आया है की जिस तरह से लाडली बहना योजना के फार्म का कोई पैसा नहीं लगेगा यह बिल्कुल नि:शुल्क रहेगा। और ना हि इस के लिए ई-केवाईसी का कोई पैसा लगेगा।यह प्रदेश के मुखिया का कहना है। लेकिन 25 तारिक से फार्म भरना चालू हुआ उस दिन लिक हि नहीं चली और उसके बाद 26 को रविवार की छुट्टी रह गई। और जब आज 27 वार सोमवार को ग्राम पंचायत मे माता बहने लाडली बहना योजना के फार्म के लिए पहुंची तो उनको बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा। जैसे की उनकी समग्र आईडी,आधार कार्ड ओर बैंक की ई केवाइसी को लेकर। जबकी इन सभी समस्याओं का सरकार के द्वारा पहले हि समाधान कर दिया उसके बाद भी सम्बन्धित अधिकारी उनको सही से जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे है और उल्टा उनको इधर उधर की भागा दौड़ी मे कर ग्रामीणों की और समस्या बड़ा रहे है ताकि यह इधर उधर दौड़ता रहे। जबकी सरकार के द्वारा कहा गया है की कोई भी समस्या आये या फार्म भरने मे कमी आती है तो उसके लिए सम्बन्धित रासन की दुकान, कियोस्कर, जन सेवा केंद्र सी एस सी,किसी भी ऑनलाइन पर जाकर अपना ई-केवाईसी पूर्ण करा सकते है। लेकिन उसके लिए माता बहनो को उसके लिए किसी प्रकार का मानदेय पैसा नहीं लगेगा। उसके बावजूद लग रहा है पैसा।
लेकिन नियम के विरुद्ध जाकर माता बहनो से लिए जा रहे है पैसे।
झाबुआ जिले की जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत झकनावदा में मुख्यमंत्री जी की लाडली बहना योजना के फार्म ओर ई केवाइसी के नाम पर माता बहनों से लिए जा रहे है 30 से 50 रुपये। जबकी सरकार के नियम मे स्पस्ट रूप ओर स्पस्ट शब्दों में लिखा गया है की किसी प्रकार का पैसा नहीं लगेगा। ओर ऑनलाइन वालों को सरकार के द्वारा ई केवाइसी करने के लिए उन्हे उनके खातों में 15 रुपये दिये जा रहे है।
अब सावल यह उठता है की जब सरकार ने नियम बनाया हे तो उस नियम का पालन सम्बन्धित ऑनलाइन ओर कियोस्कर सेंटर वाले उसका पालन क्यो नहीं कर रहे है ओर क्यो माता बहनो को ई- केवाइसी के नाम पर क्यो लुटा जा रहा है।
इस सम्बन्ध मे झकनावदा ग्राम पंचायत के समीप ऑनलाइन दुकान पर कार्य कर रहे लड़के से चर्चा की गई तो उसका कहना है की सभी जगहों पर लिए जा रहे है मे अकेला नहीं ले रहा हूं। जब उससे कहा की सरकार की गाइड लाइन मे तो लिखा है की कोई पैसा नहीं लगेगा। तो उसने उस कियोस्कर के मालिक से कॉल कर बात करवाई तो उसका यह था कहाना की फार्म के पैसे नहीं लग रहे है ओर ना हि ई केवाइसी के लेकिन हमारे द्वारा उनको ई केवाइसी के बाद उनको प्रिंट दी जा रही है ओर प्रिंट के पैसे लिए जा रहे है।
वही पर ई- केवाइसी करने आई महिला को ना तो कोई प्रिंट दी गई ओर ना हि कोई कागज दिया गया उसके बाद भी उससे 30 रुपये पत्रकार के सामने लिए गये। जबकी यह नियम के विरुद्ध है।
अब एक और सामने सावल आया की जब हमारे द्वारा हर बार खाते से पैसे निकाले जा रहे है और आज फार्म भरने आये तो यह कहा जा रहा की बैंक से सम्पर्क करे पोर्टल पर बैंक से खाता अपडेट नहीं बता रहा है। अब समझ मे यह नहीं आ रहा है की कोन सही है बैंक वाले कहते है कियोस्कर पर जायो। कियोस्कर वाले बैंक वालों के पास भेज रहे है। फार्म बरने का कार्य आंगनवाड़ी को दिया गया और ग्राम पंचायत मे बरने का प्रावधान किया गया अब पंचायत मे बैठे रोजगार सहायक भी माता बहनो को ई- केवाइसी करने के लिए कियोस्कर पर भेज रहा है। इस अफरा तफरी मे काफी हद तक ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएँ परेसान होती रही।
अब एक और सवाल यह बनता है की।
जब महिला द्वारा हर बर उस आधार कार्ड से पैसे निकाल रही है। और अब फार्म भरने वाले कहते है की बैंक मे जायो। आपका फार्म मे बैंक से लिंक नहीं है, तो कही ई- केवाइसी अपडेट नहीं है। तो किसी का ओ टी पी नहीं आ रहा है तो उसको लेकर माता बहनो के चहरे उतर गये की अब कहा जाये ओर किसको कहे। हमारी परेशानी। जबकी सरकार नारी शक्ति को सशक्त बनाने के लिए इस योजना को लागु की गई है। लेकिन उन्ही के कर्मचारी ओर ऑनलाइन वाले उनका शोषण कर रहे है। और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को क्या पता की कोई पैसा नहीं लगेगा। ना तो उनको कोई जानकारी दे रहा है ओर ना हि सही बता रहा है। और ना हि सही कार्य से कार्य किया जा रहा है। अपडेट होने के बाद भी अपडेट किया जा रहा है ओर उनसे पैसे लिए जा रहे है। ओर यह भी देखा गया है की जो फार्म भर रहे है वो उन अधिकारियों के संभंधित वालों को सम्पर्क कर ओर कॉल कर कर बुलाया जा रहा है और ग्रामीण महिला जो सुबह से श्याम तक बैठी है वह बैठी रही और अगर ज्यादा हो जाये तो उन्हे कहा जाता है की आपकी ई- केवाइसी मे 24 घंटे लगेंगे कल आना। अब वो महिला अपने घर का सारा काम छोड़ कर फार्म के लिए कहा कहा भटका करेगी। और उसके बाद भी ई-केवाईसी का हवाला देकर उन्हे परेशान किया जा रहा है।
अब देखना यह है की क्या प्रदेश सरकार इस तरह की कमियों को कैसे दूर करती है या यह शील शिला ऐसे हि चलता रहेगा। जैसे दूसरी समस्या भी चलती आ रही है। और क्या ग्रामीणों क्षेत्र की माता बहनो को इस लाडली बहना योजना के फार्म को लेकर ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा या फिर प्रदेश सरकार कोई नया अपडेट देती है।