सीतामऊ,
रिपोर्ट – संजय व्यास
लदुना का तालाब फैला है 1200 बीघा जमीन पर जिसकी काली मिट्टी सोना है तालाब के अंदर मिट्टी निकालने का कार्य करीबन 5 दिनों से चल रहा था लेकिन प्रशासन ने इस कार्य को रुकवा दिया तो परेशान होकर किसानों ने क्षेत्र के विधायक वर्तमान कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह डंग को भी उनके निवास स्थान सुवासरा पर जाकर इस घटनाक्रम के बारे में अवगत कराया था कि हमें मिट्टी निकालने से रोका जा रहा है प्रशासन हमें मिट्टी निकालने नहीं दे रहा है हर साल की तरह इस साल भी हम मिट्टी निकाल कर अपने खेतों में उपजाऊ के तौर पर डाल रहे हैं जो खाद का काम करती है जिससे जमीन उपजाऊ होगी कम लागत में अच्छी खेती इस मिट्टी से हो सकती है वह तालाब भी गहरा होगा जिसकी वजह से पानी अधिक मात्रा में भरा रहेगा जिससे आसपास के खेतों में पानी पिलाने में वह नहर का भी काम करेगा जिससे गर्मी में भी काफी लंबे समय तक पानी रहेगा जिसकी वजह से पशु पक्षी इस पानी को पी सकेंगे और खेतों में भी काम आ सकेगा लेकिन मंत्री महोदय ने सिर्फ आश्वासन देते हुए कहा कि आप इसके लिए ज्ञापन कलेक्टर महोदय को दीजिए मंत्री महोदय होने के बाद भी किसानों को कलेक्टर के पास जाना पड़ रहा है उनकी तरफ से कोई मदद नहीं मिल पा रही है दिशा एक्सप्रेस से किसानों ने सीधा संपर्क किया सारी घटना बताई तब हमने जाकर लोगों से चर्चा करी वह ग्राम पंचायत सरपंच को भी अवगत कराया सरपंच महोदय का कहना था कि ग्राम पंचायत पूरी तरह किसानों के साथ है वह मिट्टी निकालने से किसानों का ही फायदा है और तालाब गहरा होगा जिससे पानी अधिक मात्रा में भरा रहेगा जिससे कई फायदे हैं दिशा एक्सप्रेस ने अनुविभागीय अधिकारी महोदय संदीप शिवा जी से भी फोन पर चर्चा करी उन्होंने एक ही बात कही कि इसमें इरीगेशन डिपार्टमेंट से संपर्क किसान लोग करें अनुमति ले ताकि प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर पाएगा कुल मिलाकर अधिकारी प्रशासन वह सरकार एक दूसरे पर किसानों को भटकाने का काम कर रही है वह सरकार के कुछ नुमाइंदे पैसों की मांग कर रहे हैं कि हम 1 दिन के ₹5000 लेंगे वह आप मिट्टी निकालो धड़ल्ले से कोई आपको रोकेगा ठोकेगा नहीं इस प्रकार भ्रष्टाचार सरेआम होता हुआ दिखाई दे रहा है यह किसानों का कहना था आज का किसान कोई भी काम हो नेताओं व सरकार के नुमाइंदों और प्रशासन के अधिकारियों पर दर-दर की ठोकरें खा रहा है हर जगह पैसे दो काम करवाओ यह काफी लंबे अरसे से चलता आ रहा है सरकारे आती है चली जाती है बड़े-बड़े वादे करती है वह अपनी जेब भरने का काम करती है जनता की जेब खाली करके?