झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर
झाबुआ / थान्दला पुलिस अधीक्षक झाबुआ अगम जैन द्वारा जिले में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करने और उन्हें सायबर धोखाधड़ी एवं सायबर अपराधों के खिलाफ सुरक्षित एवं संवेदनशील बनाने के लिए “सायबर जागरूकता दिवस” मनाये जाने हेतु निर्देशित किया गया। उक्त निर्देशों के पालन में आज दिनांक 01.11.2022 को संस्कार पब्लिक स्कूल थांदला में उप पुलिस अधीक्षक(अजाक) राकेश आर्य,सूबेदार कमल मिंदल,आर. 552 महेश प्रजापति, आर. 573 संदीप बघेल द्वारा उपस्थित 500 से अधिक बालक-बालिकाओं को सायबर अवेयरनेस के बारे में जानकारी दी। उप पुलिस अधीक्षक (अजाक) राकेश आर्य द्वारा बच्चों को बताया गया कि इंटरनेट हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। इसने हमारे आपस में संवाद करने, दोस्त बनाने, नई सूचना साझा करने, गेम खेलने और खरीदारी करने के तरीके को बदल दिया है। यह हमारे दैनिक जीवन के अधिकांश पहलुओं को प्रभावित कर रहा है। सायबर अपराधों की रोकथाम पर जानकारी के प्रचार-प्रसार के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है और यह बार-बार कहा जा रहा है कि छात्र सायबर सुरक्षा के लिए एक पारिस्थिति की तंत्र बनाने और सायबर अपराधों को रोकने के लिए एक सशक्त आधार के रूप में कार्य कर सकते हैं। साथ ही सायबर अपराध से सुरक्षा हेतु सायबर एडवाइजरी के बारे में भी बच्चों के साथ विस्तृत चर्चा कर जानकारी साझा की।
सायबरस्पेस हमें वस्तुतः विश्व भर के करोड़ों ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं से जोड़ता है। सायबरस्पेस के बढ़ते उपयोग के साथ, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ सायबर अपराध जैसे सायबर स्टाकिंग, सायबर बुलिंग, सायबर उत्पीड़न, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, बलात्कार सामग्री आदि भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए, सायबर की कुछ सुरक्षित प्रथाओं का पालन करना महत्वपूर्ण है जो हमारे ऑनलाइन अनुभव को और उपयोगी एवं परिणामात्मक बनाने में मदद कर सकते हैं।
सूबेदार कमल मिंदल द्वारा बताया गया कि सायबर अपराधी आए दिन सीधे-सादे लोगों के बैंक खातों में सेंधमारी कर खाता को खाली कर दे रहा है। अनजान व्यक्तियों से मोबाइल पर किसी भी तरह की बैंक संबंधी जानकारी शेयर नहीं करनी है। कई बार लोग जानकारी के अभाव में सायबर क्राइम के शिकार हो जाते हैं। लोग फोन पर ओटीपी और अपने बैंक एकाउंट की जानकारी साझा कर देते हैं, जिसके बाद लोगों के खाते से रुपये ग़ायब हो जाते है, फिर खाता धारक परेशान हो जाते हैं। इसके साथ ही यातायात के नियमों के बारे में जानकारी दी गई।
आर.महेश प्रजापति द्वारा बताया गया कि अभी हाल ही में सायबर अपराधी आपका परिचित बनकर मोबाइल के माध्यम से बात करते है और आपके खाते में पैसे डलवाने के बारे में बोलकर आपको झासे में लेकर उल्टे आपके खाते को खाली कर देते है। अपने परिचितों के कहने पर भी बे-वजह अपने खुद के खाते में पैसे नहीं डलवाने है व ना ही बैंक से संबंधित कोई गोपनीय सूचना दूसरे व्यक्ति को बताना है। इस प्रकार सायबर क्राइम के बारे में जानकारी देकर छात्र-छात्राओं को सायबर क्राईम से बचने के उपाय बताये। सायबर क्राईम से सावधान रके संबंध में पेंपलेट भी दिये गये।
सायबर एडवाइजरी :-
- कभी भी लॉटरी या इनाम के झांसे में किसी को अपनी जानकारी शेयर न करे।
- किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा बैंक संबंधी जानकारी जैसे उपयोगकर्ता का आईडी पासवर्ड /ATM कार्डनंबर /पिन /CVV नंबर/ OTP नंबर आदि मांगे जाने पर प्रदाय ना करें। बैंक कभी भी फोन पर बैंक संबंधी जानकारी नहीं मांगते हैं।
- गूगल के माध्यम से कस्टमर केयर नंबर सर्च करने के लिए अधिकृत वेबसाइट को ही चुने।
- अनजान लिंक पर क्लिक न करे।
- सोशल मीडिया पर प्रोफाइल पिक्चर को लॉक व सिक्योर करके रखे।
- कभी भी 2 स्टेप वेरीफिकेशन चालू रखे।
- बैंकिंग App में लॉक लगा के रखे।
- अनजान एप्प को Play Store के अलावा दूसरे प्लेटफॉर्म से डाउनलोड न करे।
- किसी भी अनजान एप्प को मोबाइल की (जैसे गैलरी, कॉन्टेक्ट, लोकेशन) परमिशन न दे।
- ट्रांजैक्शन करते समय किसी भी रिमोट एक्सेस एप जैसे टीमव्यूअर/एनीडेक्सआदि को मोबाइल में इंस्टॉल ना करें।
- नौकरी की ऐसी पेशकश से बचे जिसमें आपको पैसे जमा करने के लिए कहा जा रहा हो।
- किसी को भी अपना मोबाइल न दे।
- फेसबुक और व्हाट्सएप मैसेंजर का उपयोग कर युवक/युवतियों के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर, की जा रही फिरौती की मांग से बचे।