विक्रम सिंह राजपूत की रिपोर्ट
यह तस्वीर जीवन की बहुत बड़ी सच्चाई को बयां करती है। जब जीवन के रास्ते पर चलते चलते हम कभी ऐसे मोड़ पर आ जाते हैं जहां हमारा एक गलत क़दम हमारी प्रतिष्ठा, हमारा वजूद, हमारे जीवन को बर्बाद कर सकता है, और उस समय हमारी सहायता करने, हमें मुसीबत से निकालने के लिए कोई नही आता।
इस तस्वीर को देखो, कितने दिन वो आवाज रोई होगी, कितने आंसू बहाए होंगे, कितने दिन-रातें बिन पानी, बिन रोटी गुजरी, दिल किस बात का इंतजार था। अगर हम एक पल के लिए भी उस जगह खुद को कल्पना कर लें, तो हम उस एहसास को समझ सकते हैं।
तुम्हारे लिए कोई नहीं आएगा, कोई रिश्ता तुम्हारी तरफ नहीं देखेगा, तुम जो कदम उठाओगे उसके बारे में सौ बार सोचना और जो निर्णय लिया उसके बारे में हजार बार सोचना, कभी भी जल्दी निर्णय लेकर मूर्ख मत बनना, यह सोच कर जीना कि मेरा कोई नहीं है कोई आये तो खुश और कोई न आये तो भी दुखी नहीं। यही है जीवन की सच्चाई