सीतामऊ। समाज सेवा राष्ट्र सेवा तथा जीव मात्र की दया भाव से सेवा करना हर किसी के बस की बात नहीं पर जो ठान ले उसके लिए कोई कार्य कठिन नहीं कहा जाता है कि इन तीनों कार्य में से कोई भी कार्य करें या तीनों कार्य करें तो ईश्वरी पूजा और पुण्य का कार्य है। “समाज की सेवा” समाज की कुरीतियों को दूर कर शिक्षित करने तथा उनके प्रगति की ओर ले जाने का कार्य होता है। वही “जीव मात्र की दया भाव से सेवा करना” उसके जीवन को आनंदित करना होता है जीव दया यानी संसार में हर पशु पक्षी जानवर हो या मनुष्य हो सभी के ऊपर दया भाव के साथ उनकी आवश्यकताओं की सेवा के माध्यम से पूर्ति करना है और इन दोनों कार्यों को संपादित करना ही “राष्ट्र की सेवा” है यदि मन में सेवा का संकल्प होकर सफल नेत्रत्व के गुणों को साथ कार्य करने का जज्बा हो तो समाज सेवकों का कारंवा बन जाता और हर कार्य सफल हो जाते हैं।
“कहते हैं कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता पर एक पत्थर दिल से उछाल कर देखो यारो” इसी भाव को परिलक्षित करने के लिए अपने लक्ष्य जीव मात्र के दया सेवा भाव संकल्प को आगे बढ़ाते हुए महाकाल मुक्तिधाम समिति के अध्यक्ष या यूं कहें कि वर्तमान के वायुदूत ने अपने साथियों के साथ वैश्विक महामारी कोरोना काल में समय का सदुपयोग करते हुए महाकाल मुक्तिधाम को स्वच्छ सुंदर बनाने के साथ-साथ पर्यावरण का सुगम पर्यटन स्थल बनाने का संकल्प लिया और इसी संकल्प के साथ कार्य करते हुए आपने कुशल नेतृत्व में पदाधिकारी मित्र साथियों के सहयोग से एक बड़ा सुंदर स्वच्छ और पर्यावरण से मन मोहित करने वाला स्थल बन गया। आज ऐसे ही शख्सियत महांकाल मुक्ति धाम समिति अध्यक्ष श्री मुकेश चोरड़िया को जन्मदिन के अवसर पर समाजसेवी घनश्याम शर्मा हेमंत जैन लक्ष्मीनारायण मांदलिया संजय चौहान अंशुल कोठारी राधेश्याम ग्वाला मोहनलाल राठौड़ प्रभु लाल राठौर प्रदीप चौरड़िया मितांशु सोनी किरण मल चैनाल सहित कई नागरिकों ने फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया और जन्मदिन की बधाईयां दी।
इस अवसर पर श्री चौरड़िया ने महाकाल मुक्तिधाम समिति को 1511रूपये की सहयोग राशि प्रदान की महाकाल मुक्तिधाम समिति की ओर से श्री चौरड़िया का बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया।