झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर
झाबुआ, 02 अगस्त 2022 प्रदेश के किसानों को अधिकतम लाभान्वित करने के लिये कृषि क्षेत्र में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा फसलों की स्थिति एवं उत्पादकता के सटीक और त्वरित आकलन के लिये सेटेलाईट डेटा तथा रिमोट सेसिंग तकनीक के उपयोग लिये । एग्री जीआईएस पोर्टल बनवाया जा रहा है। पोर्टल निर्माण नेशनल रिमोट सेन्सिंग केंद्र तथा प्रदेश की तकनीकी संस्थाओं ( MPSEDCतथा MPCST के समन्वय से हो रहा है।
एग्री – जीआईएस पोर्टल संयुक्त संचालक कृषि ने बताया कि सेटेलाईट डेटा तथा रिमोट सेसिंग तकनीक का उपयोग कर फसल क्षेत्रफल की प्रणाली विकसित की गयी है। इस वर्ष से पूर्णतया ई-गिरदावरी की जा रही है। किसानों को सुगमता एवं समय पर बीमा लाभ सुनिश्चित किये जाने हेतु भारत सरकार के फसल बीमा पोर्टल का भू-अभिलेख से इंटीग्रेशन किया गया है। इससे भू-अभिलेख में दर्ज भूमि संबंधी जानकारी सीधे फसल बीमा पंजीयन में लायी जा सकेगी। किसान भाई मोबाइल ऐप से सेटेलाईट डेटा तथा रिमोट सेसिंग तकनीक द्वारा उनके खेत पर लगाई गयी फसल जानकारी की पुष्टि की जा सकेगी। किसान अपनी फसल भी संसोधित कर दर्ज कर सकते हैं।
पोर्टल के लाभ किसानों के त्रुटि रहित पंजीयन होने से पात्र किसानों को बिना किसी परेशानी के सीधे उनके आधार पंजीकृत खाते में लाभ मिल सकेगा एवं नुकसान एवं आपदा की स्थिति में फसल बीमा का सही-सही लाभ भी समय पर प्राप्त होगा। साथ ही कृषि संबंधी विभिन्न सूचनाएँ एक ही स्थान पर होने से बेहतर आंकड़ा आधारित नियोजन तथा अनुश्रवण संभव हो सकेगा।