रतलाम सोनू पाटीदार की रिपोर्ट
सब मिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा द्वारा रबी कृषक संगोष्ठी का आयोजन सांवलिया जैविक कृषि फार्म ग्राम कलालिया विकासखंड जावरा में दिनांक20.01.2023आयोजित हुई प्रशिक्षण में कृषकों को प्राकृतिक खेती के गुण , वर्तमान में पाले से फसल बचाव के बारे में बताया कार्यक्रम में जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती अलका शाह जावरा द्वारा कृषक महिलाओं को जैविक खेती के बारे में प्रेरित किया,दिपक बकावले विकास खण्ड तकनीकी प्रंबंधक जावरा द्वारा कृषको को प्राकृतिक खेती के आधारभुत स्तम्भ बीजामृत,जीवामृत ,घनजीवामृत, ,नीमास्त्र, ब्राम्हास्त्र की जानकारी दी जीवामृत बनाने की विधि- 10 किलो देसी गाय का गोबर 10 लीटर गोमूत्र 1 किलो गुड़ 1 किलो बेसन आधा किलो बरगद के पेड़ की मिट्टी एवं 180 लीटर पानी समस्त सामग्री को 200 लीटर प्लास्टिक के ड्रम में डालने के बाद 3 दिनों तक सुबह और शाम लकड़ी के डंडे की सहायता से घड़ी की दिशा में चलाने पर हमारा जीवामृत बनकर तैयार हो जाता है जो कि 1 एकड़ खेत के लिए पर्याप्त है गेहूं की फसल में जीवामृत का प्रयोग सिंचाई करते समय करना चाहिए साथ ही खड़ी फसल पर जीवामृत का पहला छिड़काव बुवाई के 21 दिन बाद प्रति एकड़ 100 लीटर पानी और 50 लीटर छाना हुआ जीवामृत मिलाकर छिड़काव करें दूसरा छिड़काव 40-50 दिन बाद प्रति एकड़ 100 लीटर पानी और 10 लीटर छाना जीवामृत मिलाकर छिड़काव करें तीसरा छिड़काव 60-65 दिन बाद प्रति एकड़ 200 लीटर पानी और 20 लीटर जीवामृत मिलाकर छिड़काव करें साथ ही आखरी छिड़काव दाने दूध की अवस्था में प्रति एकड़ 200 लीटर पानी और 5 लीटर खट्टी छाछ मिलाकर छिड़काव करें डॉक्टर एसबी शर्मा कृषि वैज्ञानिक द्वारा रवि फसल गेहूं पर बुआई एवं बीज उपचार उन्नतशील किस्मों की जानकारी एवम पाले से फसल बचाव हेतु खेत मे हल्की हल्की सिंचाई करे एवम खेत की मेड़ों पर पुआल जलाकर धुआं करे, सल्फर 80प्रतिशत डब्ल्यूपी को 40 ग्राम को 15 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें नाबार्ड के डीडीएम नीलम सोनी जी द्वारा कृषकों को नाबार्ड की योजनाओं की जानकारी दी गई जितेंद्र जी ग्रामीण उद्यान विकास अधिकारी द्वारा कृषकों को उद्यानिकी विभाग द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं की जानकारी दी साथ ही पशुपालन विभाग से पधारे कैलाश जी द्वारा कृषक महिलाओं को पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं की जानकारी दी, सांवलिया जैविक फार्म के संचालक श्री विनोद जी पाटीदार द्वारा कृषकों को केंचुआ खाद बनाने की बारे में विस्तृत रूप से बताया गया साथ जैविक खेती के महत्व के बारे में भी बताया गया कार्यक्रम का संचालन अजय शाक्य जी द्वारा किया गया एवं आभार दीपक बकावले विकासखंड तकनीकी प्रबंधक द्वारा आभार व्यक्त किया