डूंगला। झारखंड राज्य में स्थित सम्मेद शिखर जैन तीर्थ को पर्यटन स्थल नहीं बनाने की मांग को लेकर बुधवार को यहां जैन समाज ने विरोध प्रदर्शन करते हुए दोपहर तक अपने कारोबार बंद रखे एवं उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
मंगलवार देर सायं स्थानीय सकल जैन समाज की ओर से बुधवार को डूंगला बन्द का आव्हान करते हुए एक ज्ञापन उपखंड अधिकारी को देने का निर्णय लिया गया था। इसके तहत प्रातः से ही जैन व्यवसाईयो ने अपने कारोबार बन्द रखे। दोपहर में यहां एक ज्ञापन उपखंड अधिकारी को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु मंत्री के नाम सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि 20 जैन तीर्थंकरों और अनंत संतों की मोक्ष स्थली सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वत राज है। यह राज्य सरकार द्वारा पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत जोन मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान पर्यटन धार्मिक पर्यटन सूची से सूची में शामिल किया गया है। ज्ञापन में इसे पूर्ववत बनाए रखने की मांग की गई है। इस दौरान जैन श्रावक संघ के मंत्री कनक मल जैन, उपाध्यक्ष धर्मचंद पितलिया, चातुर्मास समिति के मंत्री बसंतीलाल नागोरी, जैन कॉन्फ्रेंस युवा शाखा के प्रदेश महामंत्री मनीष दाणी, श्यामलाल नागौरी, मांगीलाल जारोली, बाबूलाल दाणी, बड़े साजन संघ के अध्यक्ष महेश तातेड़, रोशनलाल मोगरा, कुशल दक, सुरेश पितलिया सहित बड़ी संख्या में धर्मावलंबी मौजूद थे।