यह कैसा जन सेवा शिविर है मुख्यमंत्री जी ना तो जन है और ना सेवाएं
झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर
प्रदेश के मुख्यमंत्री की जन सेवा अभियान का उड़ाया जा रहा मजाक और अधिकारी मोन है
झकनावदा निप्र जैसा की सब को ज्ञात है की प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा जन सेवा को लेकर सभी को निर्देशित किया गया था अब ग्रामीण जन अपने अधिकार के लिए अधिकारी के पास नहीं बल्कि उनके अधिकार को लेकर अधिकारी उनके पास जाएंगे। इसी लिए हर गांव में जन सेवा अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन इस पंचायत में उल्टा हो रहा हैं इस जन सेवा अभियान मे ना तो जन हे ओर ना ही उसकी कोई सेवाएं है।
शिविर मात्र पंचायत समिति ओर सरकारी स्वास्थ विभाग ओर आंगनवाड़ी के लोगो के लिए ही था
कहते है की इस शिविर के बारे मे किसी प्रकार की सूचना पंचायत के सचिव के द्वारा दी गई ओर ना ही किसी प्रकार का कोई सम्पर्क किया गया। और नहीं इस पंचायत के सरपंच उपस्थित हुआ और ना ही उपसरपंच जबकी सरकार के नियम के अनुसर पंचायत मे सरपंच पति नहीं जा सकता है। जबकी इस जन सेवा शिविर में उपसरपंच पति और सचिव ने मिलकर स्वास्थ अधिकारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को बुलाकर इतीसी करली गई और कहने को जन सेवा अभियान हो गया। क्या सरकार के नियम मे यह है की कही सरपंच और उपसरपंच हिने के बाद भी उपसरपंच पति ही उपस्थित रहकर पंचायत का कार्य कर सकता है।
ग्रामीणों को ना कोई सूचाना दी और ना ही किसी मीडिया वालों को सूचना दी गई।
कहते हैं की सरकार की तमाम योजना की जानकारी ग्रामीण जन और मीडिया वालों को दी जाये जिससे की सभी को सूचना मिल जाये की उनके गांव नगर और शहर मे सरकार के द्वारा कोन सी योजना आई है और उस योजना का लाभ प्राप्त कैसे किया जाता है। लेकिन आज इस जन सेवा अभियान मे ना कोई लोग उपस्थित हुआ ओर ना ही कोई मीडिया कर्मी
केवल ग्राम पंचायत सचिव मोहन मावी एवं उपसरपंच पति और गिने चुने कर्मचारी। तो क्या इनको ही सूचना दी गई थी बाकी गांव वालों को कोई सूचना ही नहीं दी गई। तो इस शिविर का क्या महत्व था। जबकी इस शिविर के आयोजन के लिए ग्राम पंचायत द्वारा हर एक जन और ग्रामीण जन तक पहुंचना था। लेकिन इस सूचना का ग्राम पंचायत झकनावदा के द्वारा किसी तरह से अनाउंसमेंट और ना ही किसी को सूचित किया गया।
अब सावल यह उठता है की
आखिर कार मुख्यमंत्री जी की इस जन सेवा अभियान का क्या महत्व है जब उनके ही अधिकारी उनके निर्देशों का पालन सही से नहीं कर पा रहे है तो क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान इन पर क्या एक्शन लेंगे या उन्ही के कहने पर ये सिर्फ खाना पूर्ति कर इस अभियान का मजाक बनाया जा रहा है। क्योकि जिस तरह से इस जन सेवा का अधिकार किसी तरह से ग्रामीणों को मिल ही नहीं रहा तो इस योजना का क्या फायदा है।
जबकी सरकार की हर योजना ग्रामीणों के हित और उनके फायदे के लिए होती हैं। मगर झाबुआ जिले की पेटलावाद तेहसील की ग्राम पंचायत सिर्फ अपने फायदे के लिए ग्रामीणों को अनदेखा कर रहे है और किसी भी योजना के लाभ के लिए वंछित रखा जा रहा हैं। और फिर भी कोई अधिकारी कुछ नहीं बोल रहा है।