लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन,मध्यप्रदेश के द्वारा भारत में पुस्तकालय विज्ञान के जनक पद्मश्री स्व.डॉ. एस.आर.रंगनाथन जी की 50वी. पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया,जिसकी शुरुआत महासचिव अशोक सिंह द्वारा सरस्वती पूजन एवं रंगनाथन जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि करके की, जिसमें भारत के 6 राज्यों मध्यप्रदेश,हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, बिहार एवं झारखंड के पुस्तकालय संघ प्रमुख मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इसका विषय मध्यप्रदेश में पुस्तकालय अधिनियम की आवश्यकता एवं रोजगार के अवसर कैसे सृजित हो इसके अधीन रहा। लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन,हरियाणा के सचिव श्री हरीश चंद्र जी ने मध्यप्रदेश में पुस्तकालय अधिनियम ड्राफ्ट तैयार करके सरकार के समक्ष रखने की बात कही।उन्होंने कहाँ कि देश के 19 राज्यों में पुस्तकालय अधिनियम पारित है मगर मध्यप्रदेश में अधिनियम पारित नही है। राजस्थान पुस्तकालय संघ के अध्यक्ष कमल कनावारिया ने अपने विचार प्रस्तुत किये जिसमें उन्होंने बताया कि राजस्थान में निरंतर पुस्तकालय के क्षेत्र में भर्तियां हो रही है,तो मध्यप्रदेश में क्यो नही हो सकती,यह सरकार के लिए सोचने का विषय है। एसोसिएशन ऑफ लाइब्रेरी प्रोफेशनल गुजरात के अध्यक्ष ने सभी एसोसिएशन से अनुरोध किया कि एक साथ मिलकर मध्यप्रदेश पुस्तकालय अधिनियम पारित करवाने के लिए प्रयास करने चाहिए।
लाइब्रेरी प्रोफेशनल एसोसिएशन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष अभिषेक सिंह राजपूत ने वेबीनार में उपस्थित सभी लोगों को मध्य प्रदेश में व्याप्त पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के क्षेत्र में बेरोजगारी से अवगत कराया उन्होंने बताया कि हमारी एसोसिएशन के द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायक, अधिकारियों, विभागों के लिए निरंतर ज्ञापन एवं प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं मगर अभी तक सरकार ने कोई भी स्थाई भर्ती एवं पुस्तकालय अधिनियम पारित करने के संबंध में कोई प्रयास नहीं किए है। शुभम साहू,संदीप चौहान,प्रभात वार्ष्णेय, आरती पाल, आदि ने पुस्तकालय के विषय मे अपनी बात रखी। कार्यक्रम में मुकेश बाबू,कपिल कुमार,प्रशान्त कौशल,शोखी गुप्ता,प्रतपाल लोधी,प्रहलाद टेलर एवं 100 से अधिक लोगों ने भागीदारी की।
महासचिव पंकज सोनी जी द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया एवं उपाध्यक्ष शैलेश साहू जी ने अंत मे धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भविष्य में पुस्तकालय संघो को एक साथ मिलकर कार्य करने की बात कही।