झाबुआ जिला प्रमुख ब्यूरो चीफ चंद्रशेखर राठौर
झाबुआ, 03 अगस्त, 2022 जिले की औसतन वर्षा 773.4 मि.मी. के विरूद्ध अद्यतन 302.3 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है। खरीफ मौसम की फसलों में कीटव्याधियों के प्रकोप की स्थिति का जायजा लेने दिनांक 02.08.2022 को जिला कलेक्टंर सोमेश मिश्रा के द्वारा प्रदत्तध निर्देशानुसार उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला झाबुआ एन.एस.रावत कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ आई.एस.तोमर, सहायक संचालक उद्यानिकी अजय चौहान, कार्यालयीन सहायक संचालक कृषि एस. एस. रावत एवं विभागीय मैदानी अमलों द्वारा भ्रमण किया गया।
डायग्नोस्टिक टीम द्वारा विकासखण्ड रामा के ग्राम झीरी का भ्रमण कर कृषक वालचंद- तोलिसंह, तोलसिह-गुला, मंगु- कालिया के खेतों में लगी फसल मक्का, कपास, सोयाबीन इत्यादि का अवलोकन किया गया। साथ ही ग्राम सेमलिया के कृषक बापुलाल-हिराजी काग, दिलीप- मांगीलाल,कैलाश डामोर, मांगीलाल डामोर के खेतों में भी लगी टमाटर फसल का अवलोकन किया गया। फसल अवलोकन के दौरान फसलें अच्छी स्थिति में देखी गई।
विकासखण्डी पेटलावद के ग्राम बन्नीन के कृषक लक्ष्मी निरायण नरोतत्मल पाटीदार, गोविन्द अनोखीलाल पाटीदार के खेतो में भ्रमण के दौरान पपीता, शिमला मिर्ची,अदरक फसलों की स्थिति संतोषजनक देखी गई।
क्षेत्र भ्रमण के दौरान कहीं-कहीं सोयाबीन फसल में आशिक रूप से कीटव्याधियों का प्रकोप देखा गया, जिसके नियंत्रण हेतु मोके पर ही दल द्वारा उचित समसायीक सलाह दी गई। समय-समय पर फसलों की आवश्यपकता अनुसार वर्षा होने से कीटव्यालधियों के प्रकोप पर प्राकृतिक नियंत्रण होकर फसलें संतोषजनक स्थिति में देखी गई।
कृषकों को ये तकनिकी सलाह दी गई कपास फसल मे रस चूसक कीट हरा मच्छर / सफेद मख्खी का प्रकोप प्रारंभिक अवस्था में देखे जाने पर नियंत्रण हेतु एसिटामेप्रिड दवा 10 मि.लि. $ एसिफेट पावडर 20 ग्राम प्रति स्प्रेयर पप के मान से उचित घोल बनाकर छिडकाव करें। सोयाबीन फसल में गर्डलबीटल का प्रकोप होने पर अनुशंसित कीटनाशक प्रोफेनोफॉस साईपर मेथ्रीन का उचित घोल बनाकर फसलों पर छिड़काव करें।
विभाग द्वारा किसान भाइयों से यह अपील की जाती है कि अपनी फसलों पर निरंतर निगरानी रखे व समय पर कीट व्याधि का प्रकोप होने पर नियंत्रण हेतु उचित उपाय अपनाये तथा अनुसंशित कीटनाशक दवा का उचित घोल बनाकर छिडकाव करें। अधिक जानकारी हेतु नजदिकी कृषि कार्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र से संपर्क करे एवं मैदानी अमलों से उचित मार्गदर्शन लेवें।